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नवाचार को बढ़ावा देकर नये शोध करें विद्यार्थी : बंडारू दत्तात्रेय

08:18 AM Dec 27, 2024 IST
नवाचार को बढ़ावा देकर नये शोध करें विद्यार्थी   बंडारू दत्तात्रेय
हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, राई में 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर संबोधन देते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय। -हप्र
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सोनीपत, 26 दिसंबर (हप्र)
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि विद्यार्थियों को नवाचार को बढ़ावा देकर नये शोध की तरफ अग्रसर होना होगा। अगर शोध करते समय विद्यार्थियों को असफलता हाथ लगती है तो उन्हें निराश होने की बजाय सफल होने तक निरंतर प्रयास जारी रखना होगा। राज्यपाल दत्तात्रेय बृहस्पतिवार को हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, राई में 51वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 30 वर्षों बाद यह मौका मिला है जब हरियाणा को इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का मौका मिला है। हर वर्ष आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम 26 से 31 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। साथ ही राज्यपाल ने वीर बाल दिवस पर गुरु गोबिंद सिंह के दो साहबजादों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। हम सभी को ऐसे वीर बालकों के जीवन से प्ररेणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में राई से विधायक कृष्णा गहलावत, सोनीपत से विधायक निखिल मदान आदि भी मौजूद रहे।

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देशभर से आए बाल वैज्ञानिकों ने लगाए 185 स्टॉल

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व प्रदेश के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने अधिकारियों के साथ प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण बाल वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। इनमें महाराष्ट्र के दिव्यांग बच्चों वंश मर्शकूले व वंश डोगरे ने दिव्यांगों के नाखून काटने के लिए एक यंत्र बनाया था। वहीं गुजरात के बच्चों हर्षिता ने स्मार्ट व्हीलचेयर बनाई थी। बिहार के प्रभु नारायण ने पोर्टेबल स्ट्रक्चर बनाया जिसमें घर से लेकर शौचालय तक सभी माडल दर्शाए गए। सिक्किम के बच्चों भूमिका क्षेत्री ने प्यूरीफायर वाटर टैंक का माडल दर्शाया। तेलंगना की गायत्री ने बेबी मानिटरिंग सिस्टम बनाया था जो बेबी के टेंपरेचर, ह्यूमिडिटी व बेबी के रोने के बारे में बयाया था।

थामस एडिशन 999वें प्रयास में हुए थे सफल

बंडारू दत्तात्रेय ने विद्यार्थियों को बताया कि बल्ब का आविष्कार करने वाले थॉमस एडीसन ने 999 बार प्रयास किया। उसके बाद वे सफल हुए और दुनिया को बल्ब मिला। इसलिए सभी को भी शोध करते समय असफलता से निराश नहीं होना चाहिए बल्कि सफलता प्राप्त होने तक निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

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प्रतिदिन 10 हजार बच्चों को मिलेगा प्रदर्शनी देखने का मौका

शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने बताया कि जब यह कार्यक्रम निर्धारित किया गया तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देशभर से करीब 400 बाल वैज्ञानिक शामिल होंगे। इस पर उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों के विज्ञान के शोध को देखने का अवसर प्रदेश के सभी आठवीं से 12वीं तक से बच्चों को मिले। इसके बाद निर्णय लिया गया कि प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा बच्चे यहां लगाई गई प्रदर्शनी को देखने के लिए आएंगे और हम 31 दिसंबर तक काफी संख्या में बच्चों को यहां लेकर आएंगे।

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