Experimental Learning Is Important : 'प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धति का है हिस्सा'
भिवानी, 3 फरवरी (हप्र) : चौधरी बंसी लाल विश्विद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय विज्ञान कार्यशाला (Experimental learning is important) का आयोजन हुआ। सेमिनार के पहले दिन मुख्य अतिथि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज कंबोज ने कहा कि लर्निंग साइंस विद फन आज कीअवधारणा नहीं है बल्कि हमारी भारतीय संस्कृति के शिक्षण का हिस्सा थी। जिसके अनुसार देख कर और प्रायोगिक रूप से ज्ञान विज्ञान को सरल बनाकर रोज के जीवन में उतरा जाता था।
Experimental learning is important : धर्माणी
कुपलित प्रो. धर्माणी ने कहा कि हमारी शिक्षा अगर हमारे समस्या का निदान न करे और वह जीवन में काम न आए तो वह शिक्षा पूर्ण नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला द्वारा विद्यार्थी अधिक रचनात्मक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से युक्त हो सकेंगे। हमारा विश्विद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षण नीति 2020 के एक्सपेरिमेंटल लर्निंग को पूरी तरह से व्यावहारिक रूप से भी लागू करने का काम किया है।
क्वांटम फिजिक्स के सिद्धांत को समझाया
अमेरिका से आए प्रो. एनएल शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित किया और क्वॉन्टम फिजिक्स के सिद्धान्त को कई दैनिक जीवन के उदाहरणों से समझाया। इस कार्यकम की रूपरेखा कार्यशाला के संयोजक प्रो. विपिन कुमार जैन ने प्रस्तुत की, वहीं डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार मदान ने अतिथियों का स्वागत किया ।
Experimental learning is important : साईंस इनोवेशन लैब का भी उद्घाटन किया
टेक्नीकल सेशन के मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वायके विजय ने विज्ञान के प्रयोगों को कर के समझाया जिसमें विद्यार्थियों ने फिजिक्स के सिद्धांतों को उनके साथ करके सीखा। वहीं एक साईंस इनोवेशन लैब का भी उद्घाटन अतिथियों द्वारा किया गया जिससे स्थानीय विद्यार्थियों के बीच भी बेसिक साईंस स्किल्स विकसित हो सके और विज्ञान के प्रति अभिरुचि बढ़े। विद्यार्थियों को इस कार्यशाला में निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यूनिवर्सिटी ऑफ जिनेवा, इटली से आए प्रो.गुस्तावो सांचेज ने लर्निंग इंडस्ट्रियल डिजिटल ट्विंस इन एजुकेशन विषय पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्तमान समय की मांग : प्रो. दीप्ति धर्माणी