हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को देना होगा नशा न करने का शपथपत्र
शिमला, 6 मार्च (हप्र)
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में इस सत्र से प्रवेश के समय विद्यार्थी को नशा न करने का शपथपत्र देना होगा। इसके अलावा, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अभिभावकों को भी पत्र लिखकर अथवा ई-मेल के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। यह फैसला हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कोर्ट की आज शिमला में कुलाधिपति व राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। उन्होेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को पुनर्प्रतिष्ठापित करने के लिए मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशा एक गंभीर समस्या है, जिसके लिए कॉलेज स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है।
बैठक में राज्यपाल ने वर्ष 2021-22 तथा 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट तथा वर्ष 2018-19 के वार्षिक लेखा को अनुमोदित किया। राज्यपाल ने कोर्ट मीटिंग में सदस्यों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे गंभीरता से लिया तथा इस बाबत अपनी नाराज़गी से अवगत करवाने के निर्देंश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय कोर्ट का मुख्य दायित्व विश्वविद्यालय की व्यापक नीतियों एवं कार्यक्रमों का समय-समय पर निर्धारण करना है तथा ऐसे मापदण्ड एवं सुझाव देना है जिससे विश्वविद्यालय का विकास तथा सुधार सुनिश्चित किया जा सके।
सभी निर्देशों व सुझावों पर हुआ कार्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी.बंसल ने कहा कि कुलाधिपति के पिछली बैठक के सभी निर्देशों तथा सुझाव पर कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के लिए ‘मैत्री सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में 8000 के करीब कैंपस बेस्ड स्टूडेंट्स तथा 1300 के करीब पीएचडी विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने स्तर पर विभिन्न स्रोतों से करीब 123 करोड़ रुपये के संसाधन विकसित किए हैं।