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पराली प्रबंधन हवा हवाई

07:57 AM Sep 28, 2024 IST
पराली प्रबंधन हवा हवाई
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नयी दिल्ली, 27 सितंबर (ट्रिन्यू/ एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने के चलते राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने में नाकाम रहने को लेकर शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि उसे और अधिक सक्रिय होने की जरूरत है।
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पराली जलाने से रोकने के लिए जारी परामर्श और दिशानिर्देश सहित अन्य कदमों की जानकारी शीर्ष अदालत को दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की, ‘यह सब हवा में है, कुछ भी नहीं दिख रहा कि एनसीआर के लिए क्या किया गया है।’
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने आयोग द्वारा उठाए गए कदमों पर असंतोष जताते हुए कहा कि उसे ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसके आसपास के क्षेत्रों में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा, ‘अधिनियम का बिल्कुल ही अनुपालन नहीं किया गया। हमें ऐसा एक भी निर्देश दिखाएं, जो किसी हितधारक को अधिनियम के तहत जारी किया गया हो।... इस मुद्दे से निपटने के लिए एक भी समिति नहीं बनाई गई है। आप केवल मूक दर्शक हैं।’
वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने पीठ को बताया कि तीन उप-समितियां हर तीन महीने में एक बैठक बुला रही हैं। इस पर जस्टिस ओका ने कहा, 'हमें आश्चर्य है कि आयोग इतनी कम बैठकों के साथ अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से कैसे कर सकता है।’
पीठ ने कहा, आयोग को और सक्रिय होने की जरूरत है। आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी कोशिशें और उसके द्वारा जारी निर्देश प्रदूषण की समस्या को कम करें। आयोग को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि पराली जलाने के विकल्प के रूप में उपकरणों का इस्तेमाल जमीनी स्तर पर हो। शीर्ष अदालत ने आयोग को एक बेहतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 3 अक्तूबर के लिए निर्धारित की।

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पंजाब, हरियाणा के 6 जिलों में मामले ज्यादा

अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि पंजाब के अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और हरियाणा के करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर जिलों में पराली जलाने की घटनाएं सबसे अधिक हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि खेतों में आग लगाने की घटनाओं में काफी कमी आई है।

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