संयुक्त किसान मोर्चा का धरना जारी, उमड़ी भीड़
मोहाली/चंडीगढ़ 27 नवंबर (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा राज्यों की राजधानियों में दिए जा रहे तीन दिवसीय धरने के दूसरे दिन आज बड़ी संख्या में किसान, पुरुष और महिलाएं सामने आईं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बात का कड़ा नोटिस लिया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने अभी तक अधिकारियों के माध्यम से पंजाब सरकार को लिखित में भेजी गई मांगों का कोई जवाब नहीं भेजा है। किसान संगठनों की बैठक में इस मामले पर चर्चा करते हुए फैसला लिया गया कि तुरंत पंजाब के राज्यपाल से मिलकर अगली रणनीति बनाई जाएगी।
उधर, धरने में आज भी पंजाब के कोने-कोने से ट्रैक्टर ट्रॉलियों और किसानों का आना जारी रहा। ट्रिब्यून चौक की ओर जाने वाले जगतपुरा बाईपास पर खड़ी हजारों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां ऐतिहासिक दिल्ली मोर्चे की यादें ताजा कर रही हैं। आज सुबह धरने पर जपुजी साहिब के पाठ के बाद अरदास कर श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया गया। पंजाब के राज्यपाल द्वारा आमंत्रित किए जाने के बाद वक्ताओं ने पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा किसान आंदोलन के खिलाफ दिए जा रहे बयानों की निंदा की । वक्ताओं ने एमएसपी पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के दाम तय करने, सरकारों की नीतियों के कारण किसानों पर चढ़े सभी कर्ज को रद्द करने की मांग की। वक्ताओं ने आज कहा कि लखीमपुर खीरी दोषियों को सजा दी जाए, केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पद से बर्खास्त कर सजा दी जाए। साथ ही कहा कि दिल्ली आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ सभी मामले रद्द हों, 60 साल से अधिक उम्र वालों को 10,000 रुपये मासिक पेंशन दी जाए।
किसान आंदोलन में आज किसान नेता राकेश टिकैत, हरिंदर सिंह लखोवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, मंजीत सिंह धनेर, रमिंदर सिंह पटियाला, बूटा सिंह बुर्ज गिल, सतनाम सिंह बाहरू, बलविंदर सिंह मल्लीनंगल, जंगवीर सिंह चौहान, बिंदर सिंह गोलेवाला, सुख गिल मोगा व नछत्तर सिंह ने हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन में सतनाम सिंह अजनाला, डॉ. दर्शनपाल, रूलदू सिंह मानसा, मेजर सिंह पुन्नावाल, हरबंस सिंह संघा, बलदेव सिंह निहालगढ़, बूटा सिंह शादीपुर, हरजीत रवि, बलविंदर सिंह राजुओलख, अमोलक सिंह तरनतारन व अन्य ने हिस्सा लिया।
ओलावृष्टि से नष्ट फसलों का मांगा मुआवजा
किसानों की पंजाब सरकार से मांग है कि पंजाब में बाढ़ और ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए, किसानों पर लगे सभी कर्ज रद्द किए जाएं, सब्जियां, मक्का, मूंग, गन्ना और अन्य फसलों का मुआवजा दिया जाए. धान की राहत के लिए एमएसपी पर खरीद की गारंटी की जाए। इसके अलावा गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए, गन्ना किसानों का बकाया ब्याज सहित जारी किया जाए, जमीनों पर कब्जा करने वाले किसानों की जमीनें रोकी जाएं और मालिकाना हक दिया जाए । आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा व नौकरी दी जाए। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज गन्ने की कीमत को लेकर संघर्ष कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ पर्चे दर्ज करने की निंदा की और इसे रद्द करने की मांग की।