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Strike News : 20 मई को देशव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे मजदूर और कर्मचारी, सभी जिलों में होंगे सम्मेलन

08:01 PM Apr 16, 2025 IST

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 16 अप्रैल।
Strike News : देश के मजदूरों की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों के अखिल भारतीय महासंघों ने 20 मई को राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। हरियाणा के प्रमुख मजदूर एवं कर्मचारी संगठनों ने राज्य स्तरीय मीटिंग आयोजित कर हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है।

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अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि हड़ताल की ऐतिहासिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए 25 अप्रैल तक सभी जिलों में कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठकें होगी। इसके बाद 26 अप्रैल से 10 मई तक सभी जिलों में कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों के सम्मेलन होंगे। राज्य में व्यापक स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा।

पहली मई को मजदूर दिवस पर सरकार की मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाले जाएंगे। राज्य में इस हड़ताल का आह्वान मजदूर संगठन सीटू, इंटक, एटक, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, बैंक, बीमा, राज्य कर्मियों के लगभग सभी संगठनों ने संयुक्त रूप से किया है।

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हड़ताल की प्रमुख मांगों में पूंजीपतियों के हकों में बनाए गए मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड्स को वापस लेने, पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, सभी प्रकार के आउटसोर्स संविदा कर्मियों एवं स्कीम वर्कर को नियमित करने, खाली पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भर कर बेरोजगारों को रोजगार देने,26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन रिवाइज करने, निजीकरण और ठेका प्रथा बंद करने तथा हरियाणा कौशल रोजगार निगम से छंटनी किए गए सभी कर्मियों को वापस लेना प्रमुख हैं।

इसी तरह से ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर किए जा रहे हमलों को बंद करने, 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने, पेंशन में भेदभाव करने के उद्देश्य से 25 मार्च को पारित किए वित्त विधेयक को वापस लेने, निर्माण श्रमिकों सहित मजदूरों के लिए बने विभिन्न बोर्डो को मजबूत करने, मनरेगा में 200 दिन काम ओर 800 मजदूरी सुनिश्चित, न्यूनतम पेंशन 10 हजार, सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र/वाहन चालकों, रेहड़ी पटरी मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, मजदूर, किसान एवं जनविरोधी नीतियां वापस लेने की मांग उठाई जाएगी।

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