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सुरक्षित भवन निर्माण के लिए कड़े कानून जरूरी

08:38 AM Oct 14, 2023 IST
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला में रिज पर ‘समर्थ’ नाम से आयोजित आपदा प्रबंधन जागरूकता प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए।

शिमला, 13 अक्तूबर (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य में बादल फटने की घटनाओं का अध्ययन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में भी बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। सुक्खू आज शिमला में अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने आपदा के दौरान बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया। साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में भारी तबाही हुई है लेकिन प्रशासन के सामूहिक प्रयासों से विभिन्न स्थानों में फंसें 75 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 48 घंटों में सभी आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं। ट्रैफिक में फंसे लोगों के लिए खाने-पीने सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भीषण आपदा का दृढ़ता के साथ सामना करने के बाद अब राज्य सरकार हिमाचल को फिर से विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन सरकार केवल कर्ज के सहारे ही नहीं चल सकती। ऐसे में राज्य सरकार अपने आर्थिक संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इस अवसर पर स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। इस ऐप के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना बना सकेंगे और उसी के अनुरूप मॉकड्रिल का आयोजन कर सकेंगेए जिसकी निगरानी उच्च स्तर पर भी आसानी से की जा सकेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुडक़ी और हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य तकनीक के हस्तांतरण को लेकर एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया। सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डीसी. राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकम्प से भवनों की सुरक्षा तथा ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से सम्बंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया।

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हिमाचल में आपदा का खतरा हमेशा

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल में आपदा का खतरा हमेशा ही बना रहता है तथा इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सशक्त नेतृत्व में प्रभावी आपदा प्रबंधन की सराहना विश्व बैंक और नीति आयोग ने भी की है। मुख्यमंत्री ने स्वयं आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाईए जिससे कई बहुमूल्य जानें बचाई जा सकीं।

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