गंदगी फैलाने वाले रेस्टोरेंट्स पर सख्त कार्रवाई, काटे पानी और सीवर कनेक्शन
मोहाली, 6 मई (निस)
मोहाली के फेज-5 स्थित मार्केट में सीवर ओवरफ्लो की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नगर निगम मोहाली ने कई रेस्टोरेंट्स पर सख्त कार्रवाई की है। इनके पानी और सीवरेज के कनेक्शन काट दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार जांच में पाया गया कि इस मार्केट में खुले कई रेस्टोरेंट बार-बार की चेतावनियों के बावजूद खाना-कचरा सीधे सीवर लाइन में फेंक रहे हैं, जिससे आए दिन जाम की स्थिति बनती है और आसपास के रिहायशी इलाकों में गंदा पानी फैलने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि 6 मई को किये संयुक्त निरीक्षण में खुलासा हुआ कि अमृत स्वीट्स, कुलचा ठेका, टेस्ट दा अड्डा, वाक एन टाक, एविन कर्तिक, खालसा वैष्णो ढाबा, चेन्नई मराठा, शेर-ए-पंजाब ढाबा, लिकर वाइन एंड बियर शॉप समेत कई फूड आउटलेट्स ने ग्रीस चैंबर या तो लगाए ही नहीं या उनकी सफाई नहीं करवाई जा रही। नतीजतन, बचा हुआ खाद्य पदार्थ सीधे सीवर में जा रहा है और हर दूसरे दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि 28 मार्च 2025 को भी ऐसी ही स्थिति के बाद चालान किए गए थे, लेकिन कोई सुधार नहीं दिखा। हालात इतने खराब हो गए हैं कि सीवर का गंदा पानी रिहायशी इलाकों में फैलने लगा है, जिससे स्थानीय लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए नगर निगम आयुक्त ने आदेश दिए कि आज दोपहर तक सभी नियमों का उल्लंघन कर रहे रेस्टोरेंट्स के पानी और सीवर कनेक्शन काट दिए जाएं। इस कार्रवाई को जन स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की फील्ड टीमों के सहयोग से अंजाम दिया गया। अधिकारियों ने दोहराया कि जनस्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यदि भविष्य में भी लापरवाही पाई गई तो पर्यावरण व नगर निगम अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
दुकानदार बोले, निगम की कार्रवाई एकतरफा
मार्केट के दुकानदारों ने निगम की इस कार्रवाई को एकतरफा और पिक और चूज़ की संज्ञा दी है। मार्केट के प्रधान राजपाल सिंह चौधरी ने कहा कि जब दुकानों के पिछली तरफ सीवरेज की पाइप डाली जा रही थी तो उन्होंने विभाग को ज्यादा चौड़ी पाइप डालने की अपील की थी पर विभाग ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के पिछले कमिश्नर से दुकानदारों की मीटिंग में दुकानदार नगर निगम द्वारा पाइपों की सफाई करने पर पैसे देने के लिए भी राजी थे, पर यह काम भी बीच में लटक गया।