आत्मनिर्भर हिमाचल के लिए ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूती सर्वाेच्च प्राथमिकता : सुक्खू
शिमला, 11 जून (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है, जिसके लिए पिछले अढ़ाई वर्षों के दौरान विभिन्न प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सपना केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ही साकार किया जा सकता है क्योंकि हिमाचल की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है। इसलिए कृषक समुदाय की आर्थिकी को मजबूत करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को शिमला में कहा कि हिमाचल प्राकृतिक खेती से उत्पन्न जैविक उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रदेश सरकार ने मक्की की खरीद पर एमएसपी दो बार बढ़ाई है। पहली बार एमएसपी 30 रुपये और उसके बाद 40 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई। इसी प्रकार गेहूं की खरीद पर एमएसपी पहले 40 रुपये और उसके बाद बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम की है। इसके अलावा, कच्ची हल्दी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार 90 रुपये प्रति किलोग्राम का एमएसपी प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कांग्रेस अढ़ाई साल पहले सत्ता में आई थी, तो उन्होंने पाया कि किसान ऋण राशि चुकाने के लिए मजबूरी में अपनी जमीन बेच रहे हैं। हमारी सरकार ने ऐसे किसानों को एकमुश्त निपटान के रूप में ब्याज अनुदान योजना के माध्यम से सहायता करने का निर्णय लिया, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो अपनी जमीन बेचने के लिए मजबूर थे। उन्होंने कहा कि पिछले अढ़ाई वर्षों के दौरान कृषि अर्थव्यवस्था में बदलाव देखा जा रहा है, जिसमें किसान अपना ध्यान प्राकृतिक खेती की ओर केंद्रित कर रहे हैं। राज्य में बड़ी संख्या में किसानों ने रसायन मुक्त खेती को अपनाया है, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रदेश की लगभग सभी पंचायतों के 2,23,000 किसानों और बागवानों ने आंशिक या पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती को अपनाया है।