मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

अजब सियासी दंगल... हाथ के साथ समधी, फूल संग समधन

07:27 AM Oct 02, 2024 IST

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 अक्तूबर
भाई-बहन, चाचा-भतीजा और समधी-समधन। आम जीवन में तो इन रिश्तों की अलग अहमियत है, लेकिन सियासी दंगल का अजब इत्तेफाक है कि दूरियां मजबूरियां बन जाती हैं। हरियाणा विधानसभा के इस बार के चुनावों में इन रिश्तों के बीच कहीं सीधा टकराव है तो कहीं पार्टी और सीट अलग-अलग। अगर बात करें समधी-समधन की तो दो जाने-पहचाने नाम मैदान में हैं। यह अलग बात है कि उनकी सीट और पार्टी दोनों अलग-अलग हैं। पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा कांग्रेस टिकट पर गन्नौर से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी समधन शक्ति रानी शर्मा (पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी) कालका से भाजपा की उम्मीदवार हैं। उनके बेटे कार्तिकेय शर्मा भाजपा के समर्थन से राज्यसभा में सांसद हैं और कुलदीप शर्मा के दामाद हैं। इससे पहले 2014 में कुलदीप शर्मा गन्नौर से विधायक बने थे। वहीं शक्ति रानी शर्मा ने अपने पति की पार्टी- हजपा (वी) से कालका से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं।
भिवानी की तोशाम सीट पर भूतपूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में डटे हैं। बंसीलाल की राजनीतिक विरासत उनके छोटे बेटे व भूतपूर्व कृषि मंत्री सुरेंद्र सिंह के हाथों में रही। किरण चौधरी की बेटी व पूर्व सांसद श्रुति चौधरी यहां से भाजपा उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने श्रुति के मुकाबले उनके ही चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया है। अनिरुद्ध चौधरी, चौ. बंसीलाल के ज्येष्ठ पुत्र रणबीर सिंह महेंद्रा के पुत्र हैं। बहादुरगढ़ में भी रिश्तों की परीक्षा हो रही है। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक राजेंद्र सिंह जून को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस से बागी होकर उनके भतीजे राजेश जून ही उनके खिलाफ चुनावी मैदान में डटे हैं।
इसी तरह रानियां विधानसभा सीट पर दादा और पोता एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला यहां से इनेलो के उम्मीदवार हैं। वहीं भाजपा से टिकट कटने के बाद बागी हुए चौ़ रणजीत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत सिंह इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के चाचा और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के भाई हैं। डबवाली सीट पर चौटाला पुत्र अजय सिंह चौटाला के बेटे दिग्विजय सिंह चौटाला जजपा के उम्मीदवार हैं।
वहीं उनके चाचा और अजय सिंह चौटाला के चचेरे भाई आदित्य देवीलाल चौटाला इनेलो के प्रत्याशी हैं। इतना ही नहीं, यहां देवीलाल परिवार के ही डॉ़ केवी सिंह के बेटे अमित सिहाग कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अमित सिहाग ने 2019 में इस सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता था।

Advertisement

कहीं मां का साथ, कहीं मां से दूरी
पार्टी अलग-अलग होने से कुलदीप शर्मा और शक्ति रानी शर्मा एक-दूसरे के लिए प्रचार भी नहीं कर सकते। कार्तिकेय शर्मा भी अपने ससुर कुलदीप शर्मा की मदद नहीं कर पा रहे। कार्तिकेय शर्मा भाजपा के समर्थन से राज्यसभा में हैं। उधर, कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल निर्दलीय लड़ रहीं अपनी मां सावित्री जिंदल के लिए प्रचार नहीं कर सकते क्योंकि हिसार से भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता मैदान में हैं।

Advertisement
Advertisement