धरती की कहानियां
04:00 AM Dec 07, 2024 IST
एक बार पंडित राहुल सांकृत्यायन जी से उनकी घुमक्कड़ी प्रवृत्ति पर किसी जिज्ञासु ने प्रश्न पूछा कि, ‘महोदय, इतना भ्रमण, इतनी यात्रा? आप भी किसी सनकी आत्मा से कहीं कम नहीं । मालूम होता है कि आपके पैरों में कोई चक्र है?’ ‘यह धरती एक रोचक किताब है बंधु। इसके पास अनगिनत कहानियां हैं। जरा, इसे खोलकर पढ़िए। तब आप पायेंगे कि भ्रमण करना एक कला है। कलाकार की नजर से आप जब धरती के किसी कोने को स्पर्श करते हैं तो वह एक प्राणवान प्रतिमा-सी आपके सामने आ जाती है। इस तरह आप धरती की बोली ही नहीं धड़कन भी साफ साफ सुन सकते हैं। बस सुनने योग्य कान होने चाहिए।’ राहुल जी का यह जवाब घुमक्कड़ी पसंद करने वालों के लिए एक अनुपम प्रेरणा भी है।
Advertisement
प्रस्तुति : पूनम पांडे
Advertisement
Advertisement