शेयर बाजार गुलजार, सेंसेक्स 65000 पार
नयी दिल्ली, 3 जुलाई (एजेंसी)
स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी का सिलसिला लगातार चौथे कारोबारी सत्र में जारी रहा। बीएसई सेंसेक्स 486 अंक से अधिक उछलकर पहली बार 65,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बाजार में मजबूती आई। कारोबारियों के अनुसार, सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. में अच्छी लिवाली से भी बाजार को समर्थन मिला। सेंसेक्स 486.49 अंक बढ़त के साथ अबतक के उच्चतम स्तर 65,205.05 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 133.50 अंक की तेजी के साथ रिकॉर्ड 19,322.55 अंक पर बंद हुआ। यह लगातार तीसरा दिन है, जब दोनों मानक सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। कोटक सिक्योरिटीज लि. के श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘जून में जीएसटी संग्रह मजबूत होने तथा पिछले कुछ दिनों में देश के ज्यादातर भागों में मानसून आने से निवेशकों में उत्साह है। तेजी का मुख्य कारण मजबूत विदेशी पूंजी प्रवाह है। सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा 2.53 प्रतिशत की तेजी रही।
कंपनियों का मार्केट कैप 298.21 लाख करोड़ के रिकॉर्ड पर
बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) सोमवार को 298.21 लाख करोड़ रुपये के नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। चार कारोबारी सत्रों में निवेशकों की पूंजी 7.54 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है।
2,000 के 76% नोट बैंकों में वापस आए
नयी दिल्ली/मुंबई : आरबीआई ने सोमवार को कहा कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के बाद से 76 प्रतिशत नोट यानी 2.72 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों में वापस आ गये हैं। रिजर्व बैंक के अनुसार, मूल्य के हिसाब से मार्च, 2023 में कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट 2,000 रुपये के थे। 30 जून के बाद 84 हजार करोड़ रुपये के 2,000 के नोट चलन में रह गये थे।' करीब 87 प्रतिशत लोगों ने अपने बैंक खातों में नोट जमा किए। 13 प्रतिशत ने नोट से बदले दूसरे नोट लिए।
नोट वापसी के खिलाफ दायर याचिका खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आरबीआई के दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका पर 30 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता रजनीश भास्कर गुप्ता ने दलील दी थी कि आरबीआई के पास दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की कोई शक्ति नहीं है और इस संदर्भ में केवल केंद्र सरकार ही फैसला कर सकती है।