प्रदर्शनकारियों को हटाने के आदेश पर रोक
नयी दिल्ली, 4 मई (एजेंसी)
चंडीगढ़-मोहाली मार्ग से प्रदर्शनकारियों के समूह को हटाने के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका पर नोटिस जारी करके एक गैर सरकारी संगठन, केंद्र और चंडीगढ़ प्रशासन सहित अन्य से जवाब मांगा।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह पंजाब सरकार के रुख का समर्थन कर रहे हैं। मेहता ने कहा, ‘भ्रष्टाचार की बात को छोड़कर, संघवाद की हमेशा रक्षा की जाती है। कोविड के समय में, हर राज्य और केंद्र ने मिलकर काम किया।’ पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए।
हाईकोर्ट ने कई जनहित याचिकाओं पर 9 अप्रैल को पारित अपने आदेश में कहा था कि बार-बार अवसर दिए जाने के बावजूद, पंजाब सरकार या चंडीगढ़ प्रशासन, मोहाली और चंडीगढ़ के यात्रियों को कोई समाधान नहीं दे पाया। इसमें कहा गया था, ‘मुट्ठी भर लोगों के सड़क अवरुद्ध करने से यात्रियों और ट्राईसिटी के निवासियों को असुविधा हो रही है।’
केस में पिछले साल 9 अक्तूबर को केंद्र को भी पक्षकार बनाया गया था। करीब एक साल पहले इस मामले में पंजाब के पुलिस महानिदेशक को भी तलब किया गया था।
जनवरी 2023 से बंद : हाईकोर्ट ने एनजीओ ‘अराइव सेफ सोसाइटी’ की याचिका पर यह आदेश पारित किया था, जिसमें दलील दी गई थी कि जनवरी 2023 से चंडीगढ़-मोहाली रोड पर चल रहे विरोध/मोर्चा के कारण स्थानीय निवासियों और यात्रियों को अनावश्यक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
सिख कैदियों की रिहाई के लिए मोर्चा : प्रदर्शनकारी सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर
शामिल हैं।