जाड़े में फिट रहना नये रूटीन के साथ
शारीरिक-मानसिक सेहत बरकरार रखने के लिए जरूरी है अपनी जीवनशैली को मौसम के मुताबिक बदल लेना। सर्दी के इस मौसम में रूटीन से जुड़ी गतिविधियों जैसे व्यायाम, कपड़ों व भोजन आदि को लेकर क्या-क्या ध्यान रखना चाहिये, ताकि इम्यूनिटी बढ़े व रोगों से बचे रहें। सेहत के लिए दिनचर्या में बदलाव को लेकर नई दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल में सीनियर फिजीशियन डॉक्टर मोहसिन वली से रजनी अरोड़ा की बातचीत।
सर्दियों का मौसम जहां अपने साथ चिल, थ्रिल लेकर आता है, वहीं कुछ लोगों के लिए कई तरह की शारीरिक-मानसिक समस्याओं का कारण बनता है। शुष्क सर्द हवाएं और वातावरण में मौजूद वायरस हमें कई बीमारियों के प्रति संवेदनशील भी बनाते हैं। लेकिन इस मौसम के सकारात्मक पहलुओं को नकारा नहीं जा सकता जिनका प्रभाव हमारी सेहत पर काफी लंबे समय तक रहता है। ठंड के दिनों की शुरुआत में तापमान-परिवर्तन के साथ रहन-सहन में भी बदलाव आते हैं जिनके लिए कई बार हम तैयार नहीं होते जिसकी वजह से कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जबकि स्वस्थ जीवन-शैली और संतुलित आहार अपनाकर शरीर की मेटाबॉलिज्म दर को सुचारू रखा जा सकता है। इस मौसम में अर्जित इम्यूनिटी से सालभर चुस्त-दुरुस्त रहा जा सकता है।
व्यवस्थित जीवनशैली
अपनी बॉयोलॉजिकल क्लॉक को फोलो करने की कोशिश करें। यानी दिनचर्या और आवश्यक काम नियत समयावधि में करें जैसे- सोना- जागना, भोजन, पढ़ना, अन्य कामों का समय नियत करें। कोशिश करें देर रात तक जागना न पड़े। नींद पूरी न होने पर उन्हें शारीरिक-मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। सोने से एक घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को अपने से दूर रखें। रात को ही अगले दिन की दिनचर्या प्लान कर लेनी चाहिए ताकि सुबह घर का काम निपटाने और समय पर ऑफिस जाने की जल्दबाजी न रहे।
बाल धोने हों तो...
कोशिश करें कि जिस दिन बाल धोने हों, तो सूरज निकलने पर ही नहाएं। बालों को धोने से पहले गुनगुने ऑयल से मसाज करें और माइल्ड शैम्पू से धोएं। बाल सुखाने में दिक्कत हो, तो हेयर ड्रायर का इस्तेमाल करें। वर्किंग हो तो छुट्टी वाले दिन ही बाल धोने चाहिए क्योंकि बाहर के एक्सपोजर से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। ठंडी और शुष्क हवाएं स्किन और बालों में ड्राइनेस बढ़ाती हैं, ऐसे में यथासंभव अपनी स्किन को ढक कर रखें। डैड स्किन से बचाव के लिए नियमित नहाने के पहले ऑयल या क्रीम से मालिश करें।
शरीर वॉर्म रखें, एक्सपोजर से बचाव
इसके लिए सिर से पैर तक गर्म कपड़े पहनें। खासकर बाहर जाते हुए किसी तरह की लापरवाही न बरतें। मोटे, भारी-भरकम कपड़ों के बजाय इंसुलेटिड लेयर वाले ढीले-ढाले कपड़े पहनें। ज्यादा लेयर में कपड़े पहनने से हीट स्टोर रहेगी और शरीर गर्म रहेगा। वूलन के नीचे सूती कपड़े जरूर पहनें ताकि स्किन पर एलर्जी न हो। ठंडी हवा के एक्पोजर से इस मौसम में सर्दी-जुकाम होने की संभावना रहती है। वहीं सप्ताह में कम से कम 5 दिन 30-40 मिनट के लिए सुबह 11-4 बजे तक की धूप सेंकना बेहतर है। सर्दियों में धूप सेंकने पर स्किन पर पिग्मेंटेशन या झाइयां पड़ने, रेशैज, दाने, जलन जैसी समस्याएं कम होती हैं। वहीं धूप न सेंकने के कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है जिससे एंटीबॉडीज के निर्माण में बाधा आती है और मूड स्विंग होना, डिप्रेशन होना जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम जैसे मिनरल्स एब्जार्ब और स्टोर करने में मदद करता है।
नियमित एक्सरसाइज
हालांकि फिट रहने के लिए नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट मॉडरेट एक्सरसाइज जरूर करें। लेकिन एक्सरसाइज के लिए मौसम की स्थिति का ध्यान रखें। अधिक फॉग हो या ठंड ज्यादा हो तो बाहर न जाकर घर पर ही करें। एदि जाना ही है तो खुद को पूरी तरह कवर करके जाएं। बहुत सुबह और देर शाम में जाने से बचें। इस मौसम में ब्रिस्क वॉक, रनिंग या जिम के बजाय घर पर नार्मल वॉक, वार्म अप, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। अधिक देर तक बैठे या लेटे न रहें। अगर बैठकर काम करना जरूरी है तो हर आधे घंटे बाद सीट से उठें और 4-5 मिनट के लिए टहलें या हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।
घर में पसंदीदा वर्कआउट या एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से योग और ध्यान करने से शरीर का मेडिकल सिस्टम सुचारू चलता है जिससे हमें तनाव से राहत मिलती है। एक्टिव रहने के लिए रोजाना योग निद्रा, भ्रामरी प्राणायाम, सूर्य नमस्कार जैसे योगासनों के अभ्यास करें। इनसे शरीर का शारीरिक-मानसिक सिस्टम ठीक होता है और व्याधियां दूर होती हैं। ध्यान रखें कि योगासन करते समय जल्दबाजी न करें। हर आसन करने के बाद 5 सेकेंड का ब्रेक लें और डीप ब्रीदिंग करें।
तनाव से दूरी
किसी भी तरह की तनाव या परेशानी हो तो टीम वर्क के रूप में सॉल्व करें। दोस्तों के साथ वक्त बिताएं, फोन पर बातें करें, परिवार के सदस्यों के बीच रहें। दोस्तों के साथ समय बिताएं, अपनी प्रॉब्लम शेयर करें, अकेले न रहें, मन में नेगेटिव विचार न आने दें। खुद को एक्टिविटीज में शामिल करें, एक्टिव शेड्यूल रखें। थकान महसूस होने पर ऐसी एक्टिविटीज करें जो आपको खुशी दें। म्यूजिक सुनें, किताबें पढ़ें, मूवी देखें या पसंदीदा काम करें। नकारात्मक विचारों को निकालने के लिए क्रिएटिव राइटिंग की हैबिट बढ़ाएं। ये एक्टिविटीज एनर्जी प्रदान करेंगी।
संतुलित और पौष्टिक आहार
जो अच्छा लगता है, वो खाएं। लेकिन ओवरइटिंग से बचें। सर्दियों में मेटाबॉलिज्म रेट अच्छा होने के कारण भूख अच्छी लगती है और डायजेशन अच्छी हो जाती है। जहां तक हो सके ड्राई फ्रूट्स, जाफरान, अश्वगंधा, हल्दी वाला दूध जैसी इम्यूनिटी बूस्टर चीजों का सेवन करें। फल-सब्जियों, साबुत अनाज और आहार की ढेरों वैराइटी मिलती हैं जो हमारे शरीर की साल भर के पोषक तत्वों की रिकवरी करने में सहायक हैं। कोशिश करें कि आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। विटामिन डी की आपूर्ति के लिए रोजाना कम से कम 500 मिली दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन करें। डाइट में मशरूम शामिल करें। मांसाहारी लोग सॉलमन और टूना मछली, अंडे का सेवन करें। ऑयली और रिफाइंड चीजों से परहेज करें। पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं।