रुतबे की नौकरी, पैसे वाले जॉब
कीर्तिशेखर
अच्छी नौकरी का कोई एक ही पैमाना नहीं होता, किसी नौकरी में पैसा सबसे ज्यादा मिलता है तो किसी नौकरी में रुतबा सबसे ज्यादा होता है। अगर रुतबे के लिहाज से देखें तो देश में सबसे अच्छी नौकरी आईएएस यानी इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज अर्थात भारतीय प्रशासनिक सेवा की है। हालांकि एक आईएएस को प्रारंभिक मूल वेतन महज 56,100 रुपये ही मिलता है, जो सात साल बाद यानी आठवें साल में बढ़कर 1,31,249 रुपये हो जाता है। लेकिन आईएएस का जो रुतबा होता है, भारत में वैसा रुतबा किसी भी दूसरी नौकरी वाले का नहीं होता। आईएएस का पद भारत में सर्वोच्च प्रशासनिक पद है, जिसमें कोई शख्स जिला कलेक्टर से होते हुए कैबिनेट सेक्रेटरी तक बन सकता है।
जिला कलेक्टर का पद
एक जिला कलेक्टर के मातहत पूरा जिला होता है। बेशक जिम्मेदारी भी कम नहीं। अकसर कहा जाता है कि वह एक तरह से अपने जिले का ‘मालिक’ होता है। उसकी अनुमति के बिना उस जिले में किसी को भी अपनी किसी भी तरह की गतिविधि की इजाजत नहीं होती है। अगर किसी जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है और प्रधानमंत्री वहां का दौरा करना चाहते हों, तो यह दौरा तभी संभव है, जब इसकी जिला कलेक्टर इजाजत दे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में आईएएस का कितना रुतबा है। आईएएस के बाद जिन अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का देश में रुतबा होता है, उनमें भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के साथ इंडियन फोर्सेस यानी भारतीय सेनाओं के अफसरों का होता है।
कारपोरेट व मेडिकल क्षेत्र के प्रोफेशनल
अगर बात सिर्फ सैलरी की करें तो भारत में सबसे ज्यादा सैलरी कारपोरेट और प्राइवेट मेडिकल सेक्टर में मिलती है। साल 2023 में मेडिकल क्षेत्र के प्रोफेशनल्स जिनमें हृदय रोग विशेषज्ञ, न्यूरोसर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञ शामिल थे, उनकी औसतन सालाना सैलरी 40 लाख रुपये से भी ऊपर थी। हालांकि एक्सपर्ट की सैलरी इतनी ही हो, यह जरूरी नहीं है, वास्तव में प्राइवेट क्षेत्र में सैलरी का आधार अनुभव और विशेषज्ञता होती है। अगर कारपोरेट सेक्टर में सैलरी की बात करें तो इसे कैटेगराइज करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि यहां हर कारपोरेट कंपनी में सैलरी के अपने ही कायदे-कानून हैं। मगर देश की ताकतवर आईटी कंपनियों में सीईओ जैसे पदों के लिए आमतौर पर 1 करोड़ रुपये की सालाना सैलरी है।
सबसे ज्यादा सैलरी वाले पेशेवर
अगर किसी शख्स विशेष की या भारत में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली किसी शख्सियत की बात करें तो देश में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले मारन दंपति हैं। कलानिधि मारन और उनकी पत्नी कावेरी कलानिधि मारन को साल 2023 में निजी क्षेत्र में सबसे ज्यादा सैलरी मिल रही थी। कावेरी की सैलरी हर साल 87.50 करोड़ रुपये है, जो हालांकि दुनिया में सबसे ज्यादा नहीं है। क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी एलन मस्क की है, जो साल 2023 में 23.5 बिलियन डॉलर सालाना थी। अगर भारत में आमतौर पर ज्यादा सैलरी पाने वाली नौकरियों की बात करें तो इनमें पायलट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) इंजीनियर, डेटा वैज्ञानिक, डिजिटल मार्केटर और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शामिल हैं, जिनमें प्रोफेसर को छोड़कर बाकी प्रोफेशनलों को आमतौर पर सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा की सैलरी मिलती है। प्रोफेसर की भी तनख्वाह करीब 30 से 35 लाख रुपये सालाना होती है। वैसे ये सैलरी योग्यता और अनुभव के साथ साथ अलग-अलग संस्थानों के आधार पर भी तय होती है। लेकिन अगर तकनीकी रूप में देखें तो भारत में सबसे ज्यादा सैलरी राष्ट्रपति की होती है, जिन्हें हर महीने 5 लाख रुपये का नगद वेतन मिलता है। जबकि प्रधानमंत्री विभिन्न कैबिनेट और राज्यमंत्री तथा अलग अलग प्रदेशों के मुख्य मंत्रियों की तनख्वाहें अलग-अलग होती हैं।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बड़े अधिकारी
अगर उम्दा सैलरी के एक और क्षेत्र की बात करें तो वह बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। भारत के जो प्रोफेशनल बहुराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च पदों पर कार्यरत हें, उनमें सुंदर पिचाई की सैलरी सबसे ज्यादा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सुंदर पिचाई की सैलरी 16,61,18,944 रुपये सालाना है। लेकिन इससे उनकी वास्तविक आय का पता नहीं चलता। सुंदर पिचाई को कई तरह की जो सुविधाएं मिली हुई हैं, उन सबके आधार पर अगर उनकी सालाना इनकम का आकलन करें तो वह लगभग 176 करोड़ रुपये बनती है, लेकिन यहां फिर भी इस बात को दर्ज करना जरूरी है कि ये तमाम पब्लिक डोमेन में मौजूद आंकड़े हैं, जिनका सौ फीसदी सटीक होना जरूरी नहीं है। क्योंकि अधिकृत रूप से कभी किसी शख्स की सैलरी सार्वजनिक नहीं होती।
-इ.रि.सें.