लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की तोड़ी प्रतिमा
लाहौर, 17 अगस्त (एजेंसी)
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर किले में लगी प्रथम सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की 9 फुट ऊंची कांस्य की प्रतिमा प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक कार्यकर्ता ने मंगलवार को तोड़ दी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें आरोपी नारे लगाते हुए मूर्ति की बांह तोड़ते और रणजीत सिंह की प्रतिमा को घोड़े से नीचे गिराते दिख रहा है। वीडियो में यह भी दिखा कि इसी दौरान एक अन्य व्यक्ति प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को आकर रोकता है।
समाचारपत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि टीएलपी कार्यकर्ता को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक ट्वीट में कहा कि इस तरह के ‘अनपढ़ वास्तव में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि के लिए खतरनाक हैं।’ राजनीतिक संचार पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डा. शहबाज गिल ने कहा, ‘ये बीमार मानसिकता के लक्षण हैं। यह पाकिस्तान के आकलन को कमजोर करने की कोशिश है।’
महाराजा रणजीत सिंह की इस प्रतिमा का अनावरण जून 2019 में किया गया था। यह पहली बार नहीं है जब प्रतिमा को निशाना बनाया गया है। पिछले साल लाहौर में मूर्ति की बांह तोड़ दी गई थी। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक अगस्त 2019 में भी 2 युवकों ने इसे क्षतिग्रस्तकिया था।
भारत की तीखी प्रतिक्रिया
मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ चिंताजनक दर से बढ़ रही हिंसा की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल रहा है। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा, ‘हमने आज लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की मीडिया में आई परेशान करने वाली खबरें देखी हैं । वर्ष 2019 में अनावरण के बाद प्रतिमा को तोड़फोड़ करने की यह तीसरी ऐसी घटना है।’ पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की सांस्कृतिक धरोहरों पर हमले वहां के समाज में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती असहिष्णुता और सम्मान की कमी को दर्शाते हैं।