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गांवों के विकास के बिना प्रदेश और देश नहीं बढ़ सकते आगे : मनोहर

09:14 AM Aug 08, 2023 IST
सूरजकुंड में सोमवार को क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्यमंत्री मनोहरलाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़। हप्र
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राजेश शर्मा/हप्र
फरीदाबाद, 7 अगस्त
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राष्ट्र की आत्मा गांवों में बसती है और हमारी अर्थव्यवस्था अब भी खेतीबाड़ी पर ज्यादा निर्भर है। इसलिए गांवों के चहुंमुखी विकास के बिना प्रदेश और देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री सोमवार को सूरजकुंड में आयोजित क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया और मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संबोधित किया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम यहां एक ऐसे विषय पर विचार करने के लिए एकत्रित हुए हैं, जो देश के लोकतंत्र का मूल आधार है और देश के आखिरी व्यक्ति के हितों से संबंध रखता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद की 75 साल की अवधि बीत जाने के बाद भी गांवों का विकास हमारी प्राथमिक आवश्यकता है। हमने पिछले लगभग 9 साल में हरियाणा में गांवों के विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई और उनको अमलीजामा पहनाने के स्तर पर भी अनेक प्रयोग किए। उन्होंने कहा कि पंचायतें हमारी राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, सुशासन और लोकतंत्र का रक्षा कवच हैं। हमारे देश में पंचायतों की न्यायप्रियता के कारण पंच-परमेश्वर की धारणा बनी थी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद ये तीनों लोकतंत्र व्यवस्था के मूल आधार हैं। इसी प्रकार नगरपालिका व नगरपरिषद जैसे स्थानीय निकाय भी देश के शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास में सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पंचायती राज संस्थाएं न केवल मजबूत हुई हैं, बल्कि और अधिक शक्तियां मिलने से सशक्त बनी हैं। इससे शहरों और गांवों के स्तर पर वहां की जरूरतों की पहचान करके और उन आवश्यकताओं की प्राथमिकता तय करके विकास के कामों को चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में पढ़ी-लिखी पंचायतें कारगर भूमिका में हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण आंचल के गतिशील विकास हेतु पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तीकरण किया गया। इसी के चलते सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को बड़ी प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां दी गयी हैं। पंचायती राज संस्थानों को 10 प्रमुख विभागों का काम सौंपा हुआ है और विकास कार्यों के लिए ग्रांट की राशि सीधे ही पंचायतों के खातों में जमा करवाई जाती है। विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। 5 लाख रुपये तक के कार्य करवाने की शक्ति सीधे ही सरपंच को दी है। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास की शक्तियां सीधे ही पंचायती राज संस्थाओं को देने के लिए जिला परिषद के अध्यक्ष को डीआरडीए का चेयरमैन बनाया है और अंतर-जिला परिषद का गठन करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री पवन सैनी, प्रदेश महासम्पर्क प्रमुख संदीप जोशी, प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख ओमप्रकाश अत्रे, चेयरमैन हरियाणा पर्यटन विभाग अरविन्द यादव, जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, विधायक सीमा त्रिखा, राजेश नागर, मुख्यमंत्री के पूर्व राजनैतिक सचिव अजय गौड़, स्थानीय निकाय प्रदेश सह संयोजक देवेन्द्र चौधरी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नीरा तोमर, सोहनपाल सिंह, ओमप्रकाश रेक्स्वाल, मेहरचन्द गहलोत, निवर्तमान महापौर सुमन बाला, जिला महामंत्री मूलचन्द मित्तल व अन्य उपस्थित रहे।

मोदी के नेतृत्व में हुआ पंचायतीराज सबल : नड्डा

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। विगत नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में त्रिस्तरीय पंचायती राज का जिस प्रकार सबलीकरण हुआ है, ऐसा पूर्व में कभी नहीं देखा गया था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया और जेम पोर्टल का उपयोग करते हुए योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता लाई गई। पारदर्शिता के माध्यम से पंचायती राज संस्थानों को आज अर्थिक दृष्टि से बहुत बड़ी ताकत मिली है, जिससे योजनाएं सही तरीके से कार्यान्वित भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष तीन ग्रुपों में क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद के आयोजन किये जा रहे हैं। आज यहां 7-8 अगस्त तक चलने वाली क्षेत्रीय पंचायतीराज परिषद में 182 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसमें उत्तर भारत के सारे राज्यों के जिला परिषद् के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नगर परिषद के अध्यक्ष शामिल हैं। इसी तरह पश्चिम बंगाल हावड़ा में 12-13 अगस्त को क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद का आयोजन किया जाएगा। वहां पूर्वी भारत एवं पूर्वोत्तर राज्यों के जिला परिषद के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, नगर परिषद् के अध्यक्ष शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में कुल 134 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

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