रामपुर बुशहर के कोटला इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टाफ की कमी, बच्चों का भविष्य दांव पर
रामपुर बुशहर,4 अक्तूबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश सरकार बेहतर तकनीकी शिक्षा देने के लाख दावे कर ले, लेकिन धरातल पर तमाम दावे हवा होते नजर आ रहे हैं। रामपुर बुशहर के एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज कोटला (ज्यूरी) में वर्षों से टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के पद रिक्त पड़े हैं। इसके चलते यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। यही नहीं रामपुर बुशहर उपमंडल की आईटीआई रचोली, खड़ाहन और देलठ में पढ़ने वाले छात्र मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस गए हैं। भाजपा नेता कौल सिंह ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार शिक्षा में गुणवत्ता देने का दावा करती है, जबकि जमीनी स्तर पर सरकार के ये सभी दावे सिर्फ जुमले साबित हो रहे हैं। रामपुर बुशहर के एक मात्र कोटला इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टाफ की भारी कमी चल रही है। यहां टीचिंग स्टाफ के 17 और नॉन टीचिंग स्टाफ के 18 पद लंबे समय से रिक्त हैं। कॉलेज में डायरेक्टर कम प्रिंसिपल, प्रोफेसर सिविल इंजीनियरिंग, एसोसिएट प्रोफेसर, एप्लाइड साइंस, मेकेनिकल इंजीनियरिंग और सिविल के कुल छह पद खाली हैं।असिस्टेंट प्रोफेसर के नौ पद, नॉन टीचिंग स्लाफ में भी सुपरिटेंडेंट, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट लाइब्रेरी, वर्कशॉप इंस्ट्रक्टर के छह पद, जूनियर ऑडिटर, वरिष्ठ स्केल स्टेनो ग्राफर, जूनियर स्केल स्टेनो, कार्यालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, लैब तकनीशियन के पद रिक्त हैं।
स्टाफ की कमी के कारण यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, जिसकी ओर सरकार ज़रा भी ध्यान नहीं दे रही है।
यही हाल उपमंडल की तीन आईटीआई का भी है। आईटीआई खड़ाहन मात्र दो कर्मचारियों के सहारे चल रही है। आईटीआई संस्थान के लिए जाने वाला रास्ता वर्षों से दुरुस्त नहीं हो, पाया है। वहीं, रामपुर की रचोली और देलठ आईटीआई में भी स्टाफ की कमी से यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। छात्रों के अभिभावकों में भी खासा रोष है।