खेलकूद शिक्षा में बाधक नहीं, सहायक है
भिवानी, 5 मई (हप्र)
मुंशी प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई साहब पर आधारित नाटक का मंचन भिवानी के वंदना अस्पताल परिसर के पीछे स्थित प्रवीण शर्मा स्टूडियो में हुआ। इस नाटक के माध्यम से मुंशी जी का संदेश कि खेलकूद हमारी शिक्षा में बाधक नहीं बल्कि सहायक है, जनमानस तक पहुंचाया गया। इस नाटक में केवल दो पात्र हैं बड़े भाई साहब एवं छोटा भाई। बड़े भाई साहब सारा दिन किताबों में घुसे रहते हैं मगर छोटा भाई, चंचल है, चपल है, खेलता कूदता रहता है, वह पढ़ता तो है लेकिन किताबी कीड़ा बिल्कुल भी नहीं है। बड़े भाई के किताबी कीड़ा होने पर भी वह अपनी क्लास में फेल हो जाता है और मनमौजी मिजाज वाला छोटा भाई अपनी कक्षा में प्रथम स्थान हासिल करता है। नाटक में बड़े भाई की भूमिका हृदयांश तथा छोटे भाई की भूमिका भ्रमर ने निभाई। इन दोनों सगे भाइयों ने सशक्त अभिनय से दोनों ही पात्रों को जीवंत कर दिया। नाटक का निर्देशन (इन्हीं के पिता) किंगडम ऑफ ड्रीम्स फेम सोनू रोंझीया ने किया।मीरा कल्चरल सोसायटी द्वारा नटराज कला मंच एवं लायंस क्लब भिवानी सुरभि के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन एवं संयोजन हुआ। मुख्य अतिथि डॉ. वंदना पूनिया, विशिष्ठ अतिथि डॉ. करण पूनिया, प्रशासनिक अधिकारी रमन शांडिल्य एवं डाक विभाग अधीक्षक संजय कुमार ने शिरकत की।
मिमिकरी कलाकार अमित वर्मा ने हास्य प्रस्तुति दी। रमन शांडिल्य एवं संजय वर्मा ने सुंदर स्वरचित कविता पाठ किया। संजय शर्मा बाबा, शैलेंद्र, मनोज शर्मा, प्रवीण शर्मा, मनोज भाटी, संजय वर्मा, मोनिका रोंझियां को सम्मानित किया गया। इस मौके पर विजय, सतीश, जीतू, ऋषभ, राजू, प्रीतम, अभिषेक, विकास, करण, कबीर, कर्मवीर मौजूद रहे।