खास आहार जो टालें कोलेस्ट्रॉल के जोखिम
बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल बढ़ना कई रोगों को जन्म देता है। शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल कम करके और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाकर हृदय संबंधी बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है। खानपान में कुछ खास खाद्य पदार्थ शामिल करना इसमें मददगार है। इसी विषय कको लेकर दिल्ली स्थित आहार विशेषज्ञ डॉ. चेतना बंसल से रजनी अरोड़ा की बातचीत।
कोलेस्ट्रॉल शब्द सुनते ही दिमाग में पहला ख्याल हार्ट संबंधी बीमारियों का आता है। लेकिन हर एक कोलेस्ट्रॉल बुरा नहीं होता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है- गुड कोलेस्ट्रॉल या एचडीएल और बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल। एचडीएल हमारे दिल के लिए रक्षक का काम करता है जो रक्त में से एलडीएल हटाकर शरीर से बाहर निकालने और हार्ट तक जाने वाली आर्टरीज की ब्लॉकेज को कम करने में मदद करता है। जिससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क कम हो जाता है।
हार्ट को हेल्दी रखने के लिए जितना जरूरी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करना है, उतना जरूरी अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को बढ़ाना भी है। वैज्ञानिक सही पोषण जरूरी मानते हैं। सही डाइट न सिर्फ एचडीएल लेवल इंप्रूव कर सकती है, बल्कि एलडीएल लेवल को भी मैनेज करने में मदद करती है। कुछ उपयोगी खाद्य पदार्थ जिन्हें आहार में शामिल कर सकते हैं-
ऑलिव ऑयल
इसमें मौजूद मोनो सैचुरेटेड फैट्स गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर और एंटीऑक्सीडेंट्स इन्फ्लेमेशन कम करके हार्ट को हेल्दी रखते हैं। लेकिन ऑलिव ऑयल 24 घंटे में एक से दो टीस्पून ही अपनी सलाद के ऊपर डाल कर या फिर खाने के अंदर ऊपर से डाल कर खाना चाहिए। हमेशा प्योर और एक्स्ट्रा वर्जन ऑलिव ऑयल ही इस्तेमाल करना चाहिए।
फिश
साल्मन, टूना, मैकरल,सिंघाड़ा जैसी मछलियां बहुत उपयोगी हैं। चूंकि हार्ट हेल्थ के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड्स बहुत जरूरी हैं जो फैटी फिशेज के अंदर भरपूर मात्रा में और हाई क्वालिटी के पाए जाते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड्स शरीर में एचडीएल लेवल बढ़ाने के साथ ही इंफ्लेमेशन को भी कम करते हैं। हफ्ते में एक से दो बार आहार में शामिल कर सकते हैं। लेकिन फिश को फ्राइड के बजाय ग्रिल, स्टीम, या बेक करके पकाना चाहिए।नट्स और सीड्स
बादाम,अखरोट, अलसी, चिया सीड्स जैसे ड्राई फ्रूट्स एचडीएल लेवल को बढ़ाने में काफी मददगार होते हैं। इनमें मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स और ओमेगा 3 फैटी एसिड्स हार्ट हेल्थ के लिए मददगार हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल लेवल नियंत्रित करने और पाचन तंत्र को मजबूत करता है। लेकिन ड्राई फ्रूट्स में कैलोरी ज्यादा होती है, इसलिए सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर है। इन्हें स्नैक, सलाद में या दही में मिलाकर खा सकते हैं। रात को पानी में भिगोकर खाना बेस्ट माना जाता है।
मोटे अनाज
ओट्स और बार्ले जैसे मोटे अनाज भी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायक हैं। ओट्स के अंदर बीटा ग्लूकन होता है जो एक पावरफुल सॉल्युबल फाइबर है। यह पाचन तंत्र में जाकर कोलेस्ट्रॉल अवशोषित करता है। बैड कोलेस्ट्रॉल ब्लड स्ट्रीम में नहीं जा पाता और शरीर से आसानी से बाहर निकल जाता है। जिससे हार्ट हेल्थ बेहतर होती है। आप चाहें तो ब्रेकफास्ट में ओट मील लें। या फिर गेहूं के आटे के साथ जौ, बाजरा, रागी जैसे मोटे अनाज मिलाकर बनी रोटी खायें।
एवोकेडो
एवोकेडो एक क्रीमी फल है जो स्वाद और स्वास्थ्यवर्द्धक गुणों की वजह से जाना जाता है। इसमें मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स यानी गुड फैट्स एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा एवोकेडो में मौजूद फाइबर पाचन प्रक्रिया को सुचारू चलाने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने में मदद करता है। क्योंकि फाइबर आंतों के अंदर जाकर कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित कर लेता है और उसे ब्लड स्ट्रीम में जाने से रोकता है। नाश्ते में एवोकेडो टोस्ट ले सकते हैं या फिर सलाद खा सकते हैं।
डार्क चॉकलेट
कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन करने में डार्क चॉकलेट भी सहायक है जिसमें कोको ज्यादा और शुगर काफी कम मात्रा में होती है। इसमें मौजूद फ्लोवोनॉयड एंटीऑक्सीडेंट, एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को सुधारने में काफी मददगार होते हैं और हार्ट डिजीज से लड़ने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। शोधों से यह साबित हो गया है कि चॉकलेट का मॉडरेट या सीमित मात्रा में या दिन में दो-चार पीस सेवन करना बेहतर है।
लहसुन
शोधों से साबित हुआ है कि लहसुन के अंदर काफी मात्रा में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये बैड कोलेस्ट्रॉल को प्रभावी तरीके से कम करते हैं। जिससे शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल में बढ़ोतरी होती है। सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की दो-तीन कलियां खाना बहुत फायदेमंद है। लहसुन की चटनी या सिरके वाला आचार खा सकते हैं।
ग्रीन टी
ग्रीन टी कैटेचिन एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए मशहूर है जो हमें स्वस्थ बनाने में मददगार है। रिसर्च से साबित हुआ है कि ग्रीन टी पीने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम होता है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। कैटेचिन एंटीऑक्सीडेंट्स ब्लड स्ट्रीम में बैड कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित होने से रोकते हैं और दिल की बीमारी होने के रिस्क को कम करते हैं। ग्रीन टी वजन कम करने और उससे बढ़ने वाले कोलेस्ट्रॉल लेवल में संतुलन बनाए रखने में सहायक है। रोजाना एक से दो कप ग्रीन टी पीना ही बेहतर है।