Speaker, Haryana Harvinder Kalyan : युवा देश में रहकर भुनायें रोजगार के मौके : हरविद्र कल्याण
पंचकूला, 25 दिसंबर (हप्र) आज हमें गुरु ब्रह्मानंद जी के दिखाये रास्ते पर चलने की जरूरत है जिस पर चलकर नारी शिक्षा और नारी सशक्तिकरण पर फोकस करना होगा। पर्यावरण की चिंता करनी होगी जिसके लिये गुरु जी हमेशा संकल्पित रहते थे। ये विचार आज गुरु ब्रह्मानंद सरस्वती की 116वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र सिंह कल्याण (Speaker,Haryana Harvinder Kalyan ) ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि दूरगामी सोच रखने वाले जगतगुरु स्वामी ब्रह्मानंद ने पहले ही इन मुद्दों को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया था जिसके परिणामस्वरूप नारी शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, नशाखोरी, पर्यावरण जैसे मुद्दों के प्रति समाज में जागरूकता फैली।
कल्याण (Speaker, Haryana Harvinder Kalyan ) कहा कि आज दुनियाभर में पलायन हो रहा है। हमारे समुदाय के भीतर भी बड़े स्तर पर युवा विदेश जा रहे हैं। यह एक अच्छी बात भी है कि वे अपनी मेहनत और लगन के बूते विदेशों में भी नाम कमा रहे हैं। लेकिन युवाओं को अपने देश और अपने राज्य में रहकर भी रोजगार और व्यवसाय के मौके भुनाने होंगे।
उन्होंने कहा कि टल बिहारी वाजपेयी के जन्मशती पर उन्होंने कहा कि आज सुशासन दिवस है। इसलिये हमें एक अच्छी सरकार और अच्छे शासन के लिये स्वयं भी इसमें भागीदारी करनी होगी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की नायब सैनी सरकार अटल जी के पदचिन्हों पर चलते हुए जनता को सुशासन दे रहे हैं।
नारी शिक्षा पर ध्यान दें : सतपाल जाम्बा
समारोह में विशिष्ट अतिथि और पूंडरी के विधायक सतपाल जाम्बा ने कहा कि आज नारी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है क्योंकि इससे एक नहीं बल्कि दो घरों का सुधार होता है। इससे पूर्व पशुधन बोर्ड के चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर ने कहा कि गुरु जी ने हमेशा नारी शिक्षा की वकालत की और हवन-यज्ञ करने पर जोर दिया। लोकसभा चुनाव लड़ चुकी बंतो कटारिया ने भी गुरु जी जन्मदिवस पर सभी को बधाई दी।
वैदिक विधि से हुआ हवन-यज्ञ
भजन गायक और कथावाचक जयपाल आर्य ने हवन-यज्ञ पूरी वैदिक विधि विधान के साथ कराया। समारोह के आयोजक जगदीश कुमार, किरपाल सिंह, संजीव आर्य, जोगीराम, रामचंद्र, रणधीर सिंह लाम्बरा, पालाराम रोड़, गुरनाम सिंह, महेंद्र सिंह आदि आयोजन समिति के सदस्यों ने अतिथियों को स्मृतिचिन्ह भेंट किये। इसके अलावा तीन बच्चों ओज, ओजस्वी और भूमिका को उनकी कविताओं के लिये पुरस्कृत किया।