सोनीपत, 18 दिसंबर (हप्र)शहर में सीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए निगम अधिकारियों ने नगर निगम क्षेत्र को 4 जोन में बांटा है। प्रत्येक जोन में 5 वार्डों को शामिल किया गया है। निगम कार्यालय में लगातार आ रही सीवरेज समस्या की शिकायतों को दूर करने के लिए एजेंसियों को काम सौंपना शुरू कर दिया है। इससे पहले नगर निगम क्षेत्र में 3 जोन थे, अब बढ़कर 4 जोन हो गए हैं।बता दें कि नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज व्यवस्था की जिम्मेदारी निगम प्रशासन की है, जिसके चलते निगम 4 वर्ष से सीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए एजेंसियों को काम सौंपता चला आ रहा है। शुरूआत में नगर निगम ने निगम क्षेत्र को 2 जोन में बांटा था। इसके बाद व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो निगम ने 3 जोन में बांट दिया। अब निगम अधिकारियों ने और सुधार लाने के लिए 3 जोन से बढ़ाकर निगम क्षेत्र को 4 जोन में बांट दिया है। निगम अधिकारियों का मानना है कि अब शहर में सीवरेज समस्या की बढ़ रही शिकायतों में कमी आएगी। प्रत्येक जोन में सीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रति माह करीब 24 लाख रूपए खर्च होने की अधिकारी बात कर रहे हैं।डिसिल्टिंग के बाद सीवरेज व्यवस्था पर अलग से होंगे खर्चनगर निगम क्षेत्र के वेस्टर्न जोन को चौथा जोन बनाया है। 16 से 20 वार्डों तक अलग से जोन बनाया गया है। इस जोन में पहले ही निगम ने करीब 47 किलोमीटर सीवरेज लाइन की डिसिल्टिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी है। डिसिल्टिंग पर करीब 1.86 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। डिसिल्टिंग के बाद अब निगम ने अलग से सीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए रूपरेखा तैयार की है। जबकि पार्षदों की ओर से बार-बार यही शिकायत हो रही है कि डिसिल्टिंग का काम संबंधित ठेकेदार नहीं कर रहा, जिससे जगह-जगह पर जलभराव के हालात रहते हैं।प्रत्येक वार्ड में 5 वार्ड किए शामिलसीवरेज व्यवस्था को सुधारने के लिए नगर निगम ने 20 वार्डों को 4 जोन में बांटा है। पहला जोन वार्ड-1 से 5, दूसरा जोन वार्ड-6 से 10 तीसरा जोन वार्ड-11 से 15 जबकि चौथा जोन 16 से 20 में शामिल किया गया है। इसमें अधिकारियों का तर्क है कि निगम कमिश्नर न होने के कारण ज्वाइंट कमिश्नर की पावर 25 लाख रूपए से ज्यादा की नहीं है। ऐसे में 25 लाख रूपए के नीचे के एस्टीमेट तैयार करके मुख्यालय भेजे गए, जिन्हें मंजूरी मिल गई है। यह प्रक्रिया 2 माह के बताई जा रही है।वर्जनशहर में सीवरेज व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी जिन एजेंसियों को दी गई थी, उनकी समय अवधि पूरी हो गई है। निगम कमिश्नर नहीं होने के कारण ज्वाइंट कमिश्नर ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली पावर से सीवरेज व्यवस्था को सुधारने की रूपरेखा तैयार की, जिसे मुख्यालय में मंजूरी मिली। मुख्यालय की मंजूरी के बाद आगामी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।-विशाल गर्ग, कार्यकारी अभियंता नगर निगम सोनीपत।