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यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं : मोदी

05:50 AM Jul 10, 2024 IST
यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं   मोदी
मॉस्को में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित िकये जाने के अवसर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उनसेे हाथ मिलाते हुए। - प्रेट्र
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मॉस्को, 9 जुलाई (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ में पुतिन के साथ शिखरवार्ता से पहले, अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर बम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि बेगुनाह बच्चों की मौत हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी है। मोदी ने कहा, ‘शांति बहाली के लिए भारत हरसंभव तरीकों से सहयोग को तैयार है।’ मोदी ने 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखरवार्ता में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र में रूस द्वारा भारत की मदद का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी का सामना कर रही थी, तब हमने अपने किसानों के समक्ष कोई समस्या नहीं आने दी और रूस के साथ हमारी दोस्ती ने इसमें भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि ‘आपके सहयोग से हम पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता के मामले में भारत के आम नागरिकों को कठिनाइयों से बचा सके।’

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यूक्रेन संकट सुलझाने में मदद के लिए पुतिन ने आभार जताया

पुतिन ने यूक्रेन संकट का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने में मदद के प्रयास के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभर व्यक्त किया। इस बीच, मोदी ने कहा, ‘भारत 40 साल से आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’

मोदी को रूस का सर्वोच्च राजकीय सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू एपोसल’ पुरस्कार से सम्मानित किया। मोदी को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में असाधारण सेवाओं के लिए इस सम्मान से नवाजा गया है। मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘मैं इसे भारत की जनता को समर्पित करता हूं।’ वर्ष 1698 में यीशू के प्रथम प्रचारक और रूस के संरक्षक संत सेंट एंड्रयू के सम्मान में जार पीटर द ग्रेट द्वारा स्थापित ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल’ रूस का सर्वोच्च राजकीय सम्मान है।
दो वाणिज्य दूतावास खोलेगा भारत भारतीय समुदाय को यहां संबोिधत करते हुए मोदी ने घोषणा की कि भारत ने रूस के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए उसके कजान और येकातेरिनबर्ग शहरों में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है। इस समय रूस में भारत के दो वाणिज्य दूतावास सेंट पीटर्सबर्ग और व्लादिवोस्तोक में हैं। येकातेरिनबर्ग रूस का चौथा सबसे बड़ा शहर है जो महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र बनकर उभरा है। मोदी ने रूस को भारत का ‘सुख-दुख का साथी’ और ‘सबसे भरोसेमंद दोस्त’ बताते हुए पिछले दो दशकों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व की प्रशंसा की। ‘हमारे रूसी दोस्त इसे ‘द्रुजवा’और हम हिन्दी में इसे ‘दोस्ती’ कहते हैं।’

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गले मिलने पर यूक्रेन को आपत्ति, अमेरिकी बयान भी आया

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मोदी के पुतिन से गले मिलने पर आपत्ति जताई। जेलेंस्की ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को मॉस्को में ऐसे दिन (अस्पताल में बमबारी) दुनिया के सबसे बड़े खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना बड़ा निराशाजनक और शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका है।’ उधर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने वाशिंगटन में कहा, ‘हम रूस से वार्ता करने वाले हर देश की तरह भारत से कहते हैं कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।’

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