Solution Camp Haryana : जनशिकायतों पर CM सैनी के कड़े तेवर, उपायुक्तों-एसडीए को दो टूक- लोगों का जीवन बनाएं आसान, दफ्तरों के चक्कर ना कटवाएं
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 3 अप्रैल।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फील्ड से आ रही लोगों की शिकायतों पर कड़ा नोटिस लिया है। प्रदेशभर में ‘समाधान शिविर’ लगातार लगाए जा रहे हैं। इनमें बार-बार जाने के बाद भी कई लोगों की समस्या दूर नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ व दिल्ली प्रवास के दौरान भी लोगों से मुलाकात करते हैं। इस दौरान कई ऐसे मामले हैं, जो बार-बार सीएम के सामने आ रहे हैं।
आज उन्होंने चंडीगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी जिलों के डीसी और उपमंडल के एसडीएम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक से जुड़े। सीएम ने जिलों के अधिकारियों को दो-टूक कहा है कि सरकार और अधिकारियों का काम लोगों के जीवन को आसान करना है। लोगों को अगर बार-बार अपने कार्यों व समस्याओं के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे तो यह सही नहीं है। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत भी बैठक में दिए।
कुछ जिलों में शिकायतों के लंबित रहने पर नोटिस लेते हुए सीएम ने उपायुक्तों को कहा कि वे संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर सप्ताह में एक बार इन शिकायतों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें ताकि लंबित मामलों को निपटाया जा सके। नीतिगत निर्णयों से जुड़ी शिकायतों को मुख्य सचिव कार्यालय को भेजा जाना चाहिए, जहां उनके समाधान के लिए सरकार के स्तर पर निर्णय लिए जा सकते हैं। सीएम ने सभी जिलों व उपमंडलों में चल रहे समाधान शिविरों को लेकर अधिकारियों से बातचीत की।
फीडबैक के बाद उन्हें निर्देश देते हुए कहा कि डीसी और एसडीएम रोजाना व्यक्तिगत रूप से शिविर में उपस्थित होकर लोगों की शिकायतों को सुनेंगे। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, पब्लिक रिलेशन के महानिदेशक के़ मकरंद पांडुरंग, निगरानी एवं समन्वय की विशेष सचिव प्रियंका सोनी, निगरानी एवं समन्वय प्रकोष्ठ की संयुक्त सचिव मीनाक्षी राज और सीएम के ओएसडी भारत भूषण भारती मौजूद रहे।
अक्टूबर से मार्च तक 18925 शिकायतें
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और एसडीएम से प्राप्त शिकायतों, निपटाई गई शिकायतों और लंबित शिकायतों की संख्या के बारे में भी जानकारी हासिल की। पिछले अक्टूबर से लेकर मार्च तक समाधान शिविरों में कुल 18 हजार 925 शिकायतों आईं। इनमें से 10 हजार 955 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। 6 हजार 639 शिकायतें लंबित हैं और 1 हजार 331 को खारिज किया जा चुका है। वहीं शहरी स्थानीय निकायों में आयोजित समाधान शिविरों में आईं कुल 8 हजार 635 शिकायतों में से 5 हजार 761 का समाधान किया जा चुका है। एक हजार 813 लंबित हैं और 1 हजार 61 शिकायतों को खारिज किया गया है।
बार-बार शिकायत आई तो कार्रवाई
यदि शिकायतकर्ताओं को एक ही मुद्दे के लिए बार-बार समाधान शिविरों में जाना पड़ता है तो अधिकारी जवाबदेह होंगे। मुख्यमंत्री ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत भी दिए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के अलावा उपमंडल मुख्यालयों पर भी नियमित रूप से समाधान शिविर लगाए जाने अनिवार्य हैं। एसडीएम के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी शिविरों में मौजूद रहेंगे ताकि उनके विभागों से संबंधित जनशिकायतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित हो सके। यदि शिकायतकर्ता को एक ही मुद्दे के लिए बार-बार समाधान शिविरों में जाना पड़ता है तो इसके लिए अधिकारी जवाबदेह होंगे।
इनसे की सीएम ने सीधे बात
-रोहतक की एक महिला ने निजी स्कूल धारा 134-ए के तहत बच्चे के दाखिले के लिए फीस मांगने की शिकायत की। सीएम ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए। डीसी को कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी स्कूल इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त न हो।
-संवाद में पानीपत के एक प्रवासी मजदूर ने राशन कार्ड की समस्या बताई। सीएम ने ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूर देशभर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (राश्न डिपो) से अपना मासिक राशन हासिल कर सकते हैं।
-यमुनानगर के बिलासपुर के व्यक्ति ने बताया कि उसकी फसल को हुए नुकसान को वह ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पा रहा है। सीएम ने बिलासपुर के एसडीएम को इसका समाधान करने को कहा। वित्त आयुक्त (राजस्व) से बात करने के निर्देश भी दिए हैं।
-मुख्यमंत्री ने शिकायतों की स्थिति के बारे में डबवाली के एसडीएम से भी फीडबैक मांगा और उन्हें सीवरेज, बिजली, सिंचाई, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी और किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित सभी मुद्दों को तुरंत हल करने के निर्देश दिए।
-पानीपत के समाधान शिविर में शिकायतों की संख्या अधिक होने और यहां सबसे अधिक लंबित मामले होने पर कड़ा नोटिस सीएम ने लिया। उन्होंने बैठक में मौजूद रहे मुख्य सचिव को पानीपत के मामले को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी को फील्ड में भेजने के निर्देश दिए।