मरम्मत के लिए 50 किलोमीटर दूर से मंगवाई जा रही मिट्टी
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 13 जुलाई
करनाल के गांव गढ़पुर टापू और मुसेपुर में टूटे तटबंधों की मरम्मत करना प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है, क्योंकि हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। कहीं पर मिट्टी के लिए सूखी जगह तक नहीं बची है।
इसके चलते प्रशासन द्वारा टूटे तटबंधों से करीब 40-50 किलोमीटर दूर से मिट्टी मंगवाई जा रही हैं, जिसे लाकर टूटे तटबंधों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा हैं। नजदीक मिट्टी न मिलने से तटबंधों की मरम्मत कार्य धीमे स्तर पर आगे बढ़ रहा हैं, जो प्रशासन सहित बाढ़ का कहर झेल रहे ग्रामीणों की मुसीबतें और बढ़ाने वाला साबित हो रहा है।
दूसरी ओर यमुना नदी का जलस्तर उम्मीद के अनुरूप कम नहीं हुआ है, जिससे टूटे तटबंधों को जोड़ने में बाधा उत्पन्न हो रही है। हालांकि शासन-प्रशासन अपने स्तर पर लोगों को राहत पहुंचाने में जुटा हैं, बावजूद इसके लोगों में गुस्सा है। सिंचाई विभाग के एक्सईएन नवजेत सिंह ने बताया कि टूटे हुए तटबंधों की मरम्मत करने का कार्य तेजी से चल रहा है, हालांकि कब तक मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जाएगा, फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। मिट्टी आसपास नहीं मिल रही हैं, मिट्टी को टूटे हुए तटबंधों से करीब 50-50 किलोमीटर दूर से मंगवाना पड़ रहा है, जिससे तटबंध की मरम्मत कार्य करने में देरी हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि इंद्री के गढ़पुर टापू और मुसेपुर गांव में तटबंध टूटे हैं, जबकि करीब 30 से 40 जगहों पर लीकेज आई थी, जिसे समय रहते दुरुस्त कर दिया था।
ग्रामीणों ने बचाई एक किसान की जान
गांव गढ़ी-बीरबल का किसान जयपाल काम्बोज खेतों में फसल देखने गया तो तेज बहाव की चपेट में आ गया। किसान काफी देर तक बचने की जद्दोजहद करता रहा और सहायता के लिए आवाज लगाता रहा। किसान की आवाज सुनकर गांव के दो युवक राजेश व बलिंद्र पानी में कूद गए और किसान को कड़ी मशक्कत के बाद पानी से बाहर निकाला, जिससे उसकी जान बच सकी।
30 से अधिक गांवों में जनजीवन ठप
हालांकि प्रशासन, सामाजिक संस्थाओं द्वारा बाढ़ में फंसे लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जा रही हैं, बावजूद बाढ़ग्रस्त गांवों में लोग परेशान हैं। अपने स्तर पर ही व्यवस्थाएं बनाने में जुटे हुए हैं। 30 से अधिक गांवों में जनजीवन ठप हो चुका हैं, गांवों का सड़क मार्ग मुख्यालयों से कट चुका हैं। पानी के बीच सांसे अटकी हुई हैं। उधर प्रशासन यमुनानदी का जलस्तर कम होने की दुआ कर रहा हैं ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकें।