ताकि जी सकें पीजी में भी घर जैसी जिंदगी
दीप्ति अंगरीश
अकसर बच्चों को 10वीं, 12वीं या स्नातक के बाद कोचिंग व उच्च शिक्षा के सिलसिले में घर से बाहर दूसरे शहर या देश भेजना होता है। ऊंचा लक्ष्य पाने के लिए वे दिन-रात मोटी-मोटी किताबें पढ़ते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दिन, रात सिर्फ पढ़ते रहें और खाने-पीने, व्यायाम और सफाई जैसी बहुत सी अच्छी आदतों को छोड़ दें। यदि वे घर से दूर रहकर देश-विदेश में कंपीटिशन की तैयारी कर रहे हैं या पढ़ रहे हैं तो इसके लिए अपने शेड्यूल को ऐसे तैयार करें कि पढ़ाई के साथ शारीरिक रूप से तंदुरुस्त रहें। बेहतर है कि अभिभावक भी उन्हें खाना बनाना व सफाई आदि कुछ बेसिक काम व आदतें सिखा कर भेजें। तो घर से बाहर पीजी, होस्टल या रेंट पर रह रहे स्टूडेंट कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें व आदतों में शामिल कर लें।
नाश्ता भूले नहीं
डायटीशियन डॉक्टर भरत सागर कहते हैं कि जल्दबाजी में नाश्ता छोड़ने से ब्रेन की एक्टिविटी कम होती जाती है। नाश्ता खुद बना रहे हैं, तो बहुत अच्छा है। तली-भुनी चीजें नहीं खाएं। पोहा, उपमा, डोसा, बनाना शेक, मूंग चीला आदि नाश्ते के पौष्टिक विकल्प हैं। इसके बावजूद आप मेवे और फल खाएं। इन्हें बैग में हमेशा रखें। कम समय में यह सेहतमंद नाश्ते का विकल्प है। आदत बनाएं कि रोज फल और मेवे खाने हैं। गर्मी का मौसम है तो मेवों को भिगोकर खाएं। नाश्ते को मैदे की चीजों से नहीं भरें। यह खाने में टेस्टी लगते हैं, लेकिन एनर्जी जीरो, ढेर सारा आलस्य और मोटापा देते हैं। तो अब पूड़ी, कचौड़ी, पिज्जा, समोसा आदि से दूरी बना लें।
खाने में कैल्शियम
आप स्टूडेंट लाइफ में हैं। घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, तो आपको अपनी सेहत का खुद ध्यान रखना होगा। यहां आपका ध्यान रखने के लिए मां नहीं है। इसमें पहला कदम कैल्शियम का लें। घर से जो पैसे मिलते हैं। उसमें से थोड़ा-सा पैसा अपनी सेहत के लिए रखें। आपको बैठने, चलने या खड़ा रहने की हिम्मत नहीं है, तो इसके लिए खाने में कैल्शियम की डोज बढ़ा लें। अपने कमरे में बाजार में मिलने वाले लो फैट पनीर के पैकेट कमरे में रखें। इसे रोज खाएं। यह हड्डियों को ताकतवर बनाने के लिए जरूरी है।
सफेद चीनी से दूरी
दिन-रात आप पढ़ते हैं, तो नींद को दूर भगाने के लिए कपों के कप चाय-कॉफी पीते हैं। आप जानते हैं इसमें डलने वाली रिफाइन चीनी आपको अंदर से खोखला कर रही है। फिर कैफीन ड्रिंक चाय-कॉफी भी खतरनाक कम नहीं हैं। घर से दूर रहकर पढ़ने का मतलब यह नहीं कि पैसे बचाकर पढ़ा जाए। सोचें यदि बीमार पड़ गए तो क्या होगा। मीठा खाने का मन है तो खजूर या किशमिश खाएं।
खाने में सलाद
आप होस्टल की मेस में खाना खाते हैं, तो वहां खाने की प्लेट में खाना रखें और खूब सारा सलाद रखें। सलाद में खीरा, टमाटर, प्याज, गाजर और मूली कमरे में रखें। सलाद छोटी-छोटी भूख में सबसे सेहतमंद विकल्प है। मेस में सलाद नहीं मिलता तो खीरा, टमाटर साथ ले जाएं। वहीं धोकर काटकर खाएं। अब इसे करने में कोई समय की बर्बादी नहीं होगी। बस सप्ताह में एक बार सब्जी की फेरी वाले से खीरा, टमाटर लेना होगा।
सैर, व्यायाम व योग
सुबह जल्दी उठकर कम से कम 20 मिनट सैर या व्यायाम करें। कमरे के अंदर ही 20-30 मिनट योग आसन व प्राणायाम कर सकते हैं। इससे दिनभर ताजगी व ऊर्जा बनी रहेगी।
आदतों से तरलता
पानी के कितने फायदे हैं, आपको सब पता है। लेकिन कितना पीते हैं। दिन भर में 4-5 गिलास। यह गलत है। आप दिमाग का काम करते हैं 8 गिलास तो पानी पिएं। आपकी पूरी सेहत के लिए पानी जरूरी है। कोचिंग में जाते हैं, तो बैग में पानी की बोतल रखें। कमरे में स्टडी टेबल पर पानी की बोतल रखें। पढ़ाई के बीच में से अपने लिए थोड़ा-सा समय सिर्फ अपने लिए निकालें। जिसमें आप अपनी पसंद के काम करें। यह ब्रेक आपको दोबारा से रिचार्ज कर देगा। सबसे जरूरी है समय पर सोना और जागना। हां, दोपहर में छोटी नींद लें। यह आपको तरोताजा कर देगी। जिसका असर आपको पढ़ाई में दिखेगा।
साफ-सफाई
सुबह उठते ही जल्दी स्नान कर लेना काफी नहीं है बल्कि अपने आस-पास यानी बिस्तर व कमरे की सफाई का भी ध्यान रखें। कपड़े बाहर धोने का प्रबंध नहीं तो प्रतिदिन नहाने के समय पाउडर से खुद धो लें। वहीं 5 मिनट फर्श साफ करने के काम को दे दें।