Smiling Depression दिल से तो परेशान पर चेहरे पे दिखावे की मुस्कान
हंसमुख चेहरा देखकर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति का सही अंदाजा नहीं लग सकता है। हंसते-खिलखिलाते व्यक्ति भी मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो सकते हैं जिसे स्माइलिंग डिप्रेशन कहा जाता है। ऐसे लोगों को मदद के संबल व इलाज की जरूरत होती है।
नकली मुस्कान, सामान्य बातचीत और खुश मिजाज रहने के साथ अपनी डिप्रेशन की स्थिति को छुपाता है, तो उसे स्माइलिंग डिप्रेशन कहा जाता है। हालांकि, यह डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर (डीएसएम-5) में सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन इसे नॉन-कनफर्मिंग लक्षणों के साथ एक प्रमुख डिप्रेसिव डिसॉर्डर(एमडीडी) माना जाता है। हालांकि, इसके लक्षणों को पहचानना कठिन है, लेकिन स्माइलिंग डिप्रेशन के कुछ लक्षण हैं, जो आपको संकेत दे सकते हैं कि कोई व्यक्ति स्माइलिंग डिप्रेशन का शिकार हो रहा है। तो जानिये स्माइलिंग डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में : वजन में अचानक बदलाव यानी अचानक कभी वजन बढ़ना और घटना। भूख में कमी आना भी हंसते-खिलते चेहरे के साथ अवसाद में रहने वाले व्यक्ति का खास लक्षण है। ऐसे व्यक्ति सुस्ती या थकान से भी ग्रस्त रहते हैं। स्माइलिंग डिप्रेशन की स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति उन चीजों में रुचि खो देते हैं, जो वे पहले करना पसंद करते थे। ऐसे व्यक्ति खुद को आशाहीन महसूस करते हैं हालांकि देखने पर चेहरा खुशमिजाज नजर आता है। अनिद्रा या सोने में दिक्कत भी इस विकार का लक्षण है। एकाग्रता में कमी इस स्माइलिंग डिप्रेशन नामक स्थिति का एक और संकेत है। ऐसे व्यक्ति अकसर नकारात्मक सोच की बातें भी करते हैं।
वजह हंसमुख चेहरे वाले अवसाद की
चूंकि स्माइलिंग डिप्रेशन एक अलग स्थिति है, तो संकेत भी क्लासिक डिप्रेशन से भिन्न होते हैं। कभी-कभी यह एम्पटीनेस सिंड्रोम के कारण होता है। ऐसे व्यक्ति सार्वजनिक रूप से अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखते हैं, लेकिन उनका दिल दर्द महसूस करता है।
डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति की करें मदद
यदि आप इस स्थिति से ग्रस्त किसी भी व्यक्ति को देखते हैं या संदेह महसूस करते हैं, तो उसे अपना खूब प्यार दें। उनकी बात सुनें ताकि बेहतर तरीके से उनकी मदद कर सकें। उन्हें खुश करें और उनके मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने की कोशिश करें। यदि आप अवसादग्रस्त व्यक्ति से दूर हैं तो कॉल करें या फिर मिलकर उनके हाल-चाल जानें। साथ ही उन्हें एक हेल्दी डाइट को फॉलो करने के लिए कहें। वहीं बेहतर इलाज के लिए उन्हें किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट या डॉक्टर के पास ले जाएं।