Smiling Depression ग़म को छुपाने से उपजा रोग
स्माइलिंग डिप्रेशन वह स्थिति है जिसमें अवसादग्रस्त व्यक्ति अपनी उदासी छिपाए रखता है। इसके लक्षण पहचानने में देरी रोग की गंभीरता बढ़ा देती है, इसलिए समय रहते इसे समझना व समाधान करना जरूरी है।
जब कोई व्यक्ति अपनी डिप्रेशन की स्थिति को छिपाता है,तो उसे स्माइलिंग डिप्रेशन या साइलेंट डिप्रेशन कहते हैं। यह एक गंभीर मानसिक बीमारी है। स्माइलिंग डिप्रेशन को विशेष रूप से खतरनाक बनाने वाली बात इसकी छिपी हुई प्रकृति है। चूंकि भावनात्मक दर्द की गंभीरता दूसरों को दिखाई नहीं देती। साथ ही अवसादग्रस्त व्यक्ति अपनी उदासी को छिपाए रखता है इसलिए ऐसे व्यक्तियों की बीमारी को पहचानने और उपचार में अकसर में देरी हो जाती है। किसी व्यक्ति में स्माइलिंग डिप्रेशन या साइलेंट डिप्रेशन की स्थिति के बारे में जानने में यह देरी मामले की गंभीरता और जोखिम को बढ़ा सकती है, इसलिए समय रहते स्माइलिंग डिप्रेशन को समझना और उसका समाधान करना जरूरी है।
साइलेंट डिप्रेशन के लक्षण
स्माइलिंग डिप्रेशन की प्रकृति छिपी हुई होती है। तो आसानी से पहचान में नहीं आता है। ऐसे में इस रोग की मौजूदगी जानने के लिए इसके लक्ष्णों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसके लक्षण हैं : दो हफ़्ते से ज़्यादा समय तक दुखी और गुमसुम रहना, बार-बार रोना आना,जो चीज़ें अहम हैं उनसे रुचि खत्म होना, शरीर में दर्द या कब्ज़ होना,शरीर में एनर्जी की कमी महसूस होना व दिनभर सोने का मन करना, रात को नींद न आना,छोटी-छोटी बातों पर बुरा लगना, कहीं फ़ोकस न कर पाना तथा ज़िंदगी से हार मान लेना आदि।
साइलेंट डिप्रेशन का कारण
कोई तनावपूर्ण या परेशान करने वाली घटना जैसे शोक, रिश्ता टूटना या नौकरी छूट जाना, जीवन की परिस्थितियां जैसे अकेला रहना या आस-पास कोई दोस्त या परिवार न होना व विटामिन-डी की कमी इत्यादि साइलेंट डिप्रेशन की शुरुआत की वजह बन सकती है।
स्माइलिंग डिप्रेशन से कैसे बचें
लक्षणों की पहचान के बाद ऐसी स्थिति यदि महसूस हो तो जल्द से जल्द किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें। अपनी भावनात्मक स्थिति के बारे में कभी शर्म या अपराध बोध न करें। बेहतर है कि अपनी मानसिक बीमारी के बारे में अपने मित्र या परिजन से चर्चा करें ! -डा.ए.के.अरुण