मुस्कुराहट जीवन की सबसे बड़ी सुन्दरता : आशा दीदी
गुरुग्राम, 4 अक्तूबर (हप्र)
ब्रह्माकुमारीज के बोहड़ाकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओआरसी) में तीन दिवसीय महिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ। सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि आज मां बच्चे को श्रेष्ठ संस्कार नहीं दे पा रही] जिसका मूल कारण है कि मां अपने उत्तरदायित्व को ठीक से नहीं निभा पा रही। आज नारी के जीवन में त्याग और तपस्या की कमी है। उन्होंने कहा कि मुस्कुराहट जीवन की सबसे बड़ी सुन्दरता है। मुस्कुराहट अन्दर से आती है। करुणा, दया और उदारता जैसे गुण ही चेहरे पर मुस्कान लाते हैं। मातृत्व संस्कृति है। मातृत्व एक गुण है। मां की सबसे बड़ी शक्ति सहनशक्ति और समाने की शक्ति है। उन्होंने कहा कि मन पर सबसे बड़ा प्रभाव अन्न का पड़ता है। इसलिए भोजन की शुद्धि बहुत जरूरी है।
डॉ. मंजू ने कहा कि संबंधों में देने की भावना ही मधुरता लाती है। हम जो कुछ भी दूसरों को देते हैं, वही प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ मूल्य ही जीवन को महान बनाते हैं। दिव्य गुणों द्वारा ही स्वर्णिम संसार का निर्माण हो सकता है। प्रोफाउंड भारती एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी के निदेशक सीएमए अनिरुद्ध गुप्ता ने कहा कि मातृ शक्ति के बगैर हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। मां बच्चे की प्रथम गुरु होती है। जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनके पीछे मां का ही हाथ है। श्रेष्ठ संस्कारों द्वारा मातृशक्ति अपने बच्चों को ही नहीं बल्कि राष्ट्र को भी श्रेष्ठ संस्कार प्रदान करती है। दिल्ली, शक्ति नगर से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके लता ने कहा कि नारी अपनी शक्ति को भूलने के कारण स्वयं को कमजोर समझने लगी। उन्होंने कहा कि आज शारीरिक सुंदरता के बजाय आंतरिक सुंदरता को निखारने की जरूरत है।
कार्यक्रम में ब्लू बेल्स स्कूल की फाउंडर एंड डायरेक्टर सुमन गुलाटी एवं डायरेक्टर, कॉर्पोरेट अफेयर्स महर्षि यूनिवर्सिटी, गाजियाबाद के अध्यक्ष डॉ. रतेश गुप्ता ने भी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।