मेहनत के साथ स्मार्टनेस बड़े काम की
नरेंद्र कुमार
कार्यस्थल पर सफलता के लिए मेहनत जरूरी होती है, लेकिन और ज्यादा बेहतर होता है यदि यह मेहनत होशियारी के साथ की जाये यानी ‘हार्ड वर्क विद स्मार्टनेस’। जब हम बुद्धिमानी से मेहनत करते हैं तो ऊर्जा के साथ-साथ उसमें कुशलता और दूरदृष्टि भी लगाते हैं, ऐसे में नतीजा ज्यादा और जल्दी मिलता है। मगर सवाल यह है कि आखिर हममें यह गुण आए कैसे या इसकी आदत कैसे पड़े? इसके लिए जरूरी है कि सोच को आलोचनात्मक बनाएं। यानी हम खुद ही अपने काम के तरीके पर दर्जनों सवाल उठाएं , फिर ईमानदारी से यह जानें कि हमारे काम करने का तरीका तारीफ के लायक है या गुस्सा दिलाता है।
समाधान ढूंढ़ने की आदत
हम अपने कैरियर में अपनी स्मार्टनेस का बेहतर इस्तेमाल करें, इसके लिए हमारी सोच आलोचनात्मक होने के साथ-साथ हर समस्या का कोई न कोई समाधान ढूंढ़ने की भी हममें आदत होनी चाहिए। तकनीकी रूप से अगर आपका काम न होने के बावजूद आप कुछ सोचेंगे, साधारण ही सही समस्या का समाधान ढूंढ़ निकालेंगे तो इसका आपको बढ़-चढ़कर लाभ मिलेगा। वरिष्ठों से प्रशंसा तो मिलेगी ही, आपको इसका आर्थिक लाभ भी मिलेगा। प्रमोशन मिलने के चांस भी बढ़ जाते हैं। सोचने के क्रम में समस्याओं का हल ढूंढ़ने लगते हैं तो किसी काम को सीखने की हमारी क्षमता तेजी से बढ़ जाती है। हमारा काम बेहतर हो जाता है। काम के दौरान कई बड़ी समस्याओं का आसानी से समाधान निकालने लगते हैं। इससे अपने काम करने की रफ्तार तो बढ़ाते ही हैं, नयी तरकीबें भी ढूंढ़ लेते हैं। इससे हमें ऐसी जिम्मेदारियां भी बिना कहे मिलने लगती हैं, जिनसे हमारा ओहदा चुपचाप बढ़ने लगता है। जरूरी है कि हम अपनी स्मार्टनेस का अपने कैरियर में सिस्टमेटिक रूप से इस्तेमाल करने के तरीके जानें।
सबसे अच्छा व्यवहार
सबसे पहले कार्यस्थल पर हम अपने व्यवहार से अपनी गुड विल बनाएं। मतलब हमारी लोग इज्जत करें, ऐसा तभी होगा, जब हम दूसरे की इज्जत करें, किसी का मजाक नहीं उड़ाएं, लोगों से मुस्कुराकर और गर्मजोशी से मिलें, लेकिन किसी के व्यक्तिगत जीवन में न झांकने की कोशिश करें। कार्यस्थल पर अपनी स्मार्टनेस दिखाने का यह शुरुआती तरीका है।
जटिल मुद्दों पर विचार
हमें काम के जटिल मुद्दों पर चुपचाप उम्मीदों से ज्यादा सोचना होगा। अगर हम सोच लेते हैं तो बहुत अच्छा होगा। दरअसल काम के संबंध में डिस्कशन के दौरान हम बेहतर तरीके से सोची गई अपनी बात को सही समय पर रख सकते हैं। अगर इसमें कोई वाकई आकर्षक पहलू हुआ तो अपना नजरिया पेश करते ही हम पर ध्यान अतिरिक्त रूप से दिया जाने लगेगा।
बातचीत का प्रभावी व स्पष्ट तरीका
कैरियर में सफलता पाने का एक तरीका यह भी है कि हम अपने सहकर्मियों के साथ और जिनके साथ हम कामकाजी जरूरतों के लिए मुखातिब होते हैं, उन सबके साथ हमारा बातचीत करने का तरीका प्रभावी हो। हम जो कुछ कहें यानी किसी सवाल का अगर कुछ भी जवाब दें तो वह यूं ही हवा-हवाई न हो बल्कि सोचा-समझा और ध्यान खींचने वाला जवाब हो। हमें यह बात भी ध्यान रखनी होगी कि हमारे बात करने का तरीका बिल्कुल स्पष्ट हो, अपनी बात को गोल गोल न घुमाएं, न ही अप्रत्यक्ष तरीके से कहें। इससे हम अपनी बात दूसरों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
लगातार सीखें
कार्यस्थल पर अपनी स्मार्टनेस का सिक्का जमाने का एक तरीका यह भी है कि हम लगातार सीखें। बॉस को बिना बताए और बिना उसे जाने भी सीखें और फिर किसी दिन हम जो कुछ नया सीखे हों, बहुत सहजता से जिम्मेदार अधिकारी के सामने उसे प्रदर्शित कर दें। इससे आपकी छवि एक बेहतर पेशेवर की बनेगी।
ऑफिस डेटा की समझ
हर दौर में कोई न कोई चीज बहुत काम की होती है। मसलन इस दौर में ऑफिस डेटा सबसे महत्वपूर्ण चीज है। इसलिए डेटा के विश्लेषण करने और उसकी व्याख्या करने के बारे में जरूर जानकारी हासिल कर लें। उस स्थिति में भी ऐसा करें, जब यह आपका काम न हो। ऐसा करना आपको बड़ी सफलता दिला सकता है।
स्वभाव में नम्रता और सामंजस्य
कार्यस्थल में हमेशा लचीलापन दिखाएं। ऐसी छवि न बनाएं कि आपसे कुछ कहते हुए लोग कई बार सोचें। ऐसा स्वभाव न प्रदर्शित करें कि बॉस को भी आपसे कुछ अतिरिक्त काम लेने के लिए कई बार सोचना पड़े। याद रखिए, दफ्तर में स्वभाव का लचीलापन आपको सबके बीच खास बनाता है।
-इ.रि.सें.