टमाटर के खेत में स्मार्ट कैमरा... रखेगा नजर कीट-पतंगों पर
रमेश सरोए/हप्र
करनाल, 20 दिसंबर
अब फसल पर कीट-पतंगे हमला नहीं कर सकेंगे। उनकी आहट की सूचना तुरंत मिल जाएगी। आधुनिक तकनीक से ऐसा संभव हो पाया है। टमाटर का हब कहे जाने वाले करनाल के गांव पधाना के प्रदीप नामक किसान ने टमाटर की खेती में ऑटिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग किया है। अब उन्हें कीट-पतंगों के बारे में तो जानकारी मिलती ही है, उनका प्रबंधन भी समझ में आ जाता है। प्रदीप ने बताया कि एक कंपनी के माध्यम से उन्होंने टमाटर के खेतों में वेदर रिपोर्ट सेंसिंग सिस्टम लगाया है। उन्हें घर बैठे ही फसल के बारे में सारी जानकारी हासिल हो जाती है। आधुनिक तकनीक वाले इस सिस्टम की खूबी है कि यह फसल में आने वाले कीट पतंगों की फोटो खींचकर कंपनी के ऑफिस व किसान के पास भेज देता है, जिससे यह पता चल जाता है कि किस दवा का इस्तेमाल किया जाना है। यही नहीं, इस सिस्टम के माध्यम से मौसम में आ रहे बदलाव और खेतों में पानी के इस्तेमाल का भी नियंत्रण हो सकता है।
बताया गया कि इस नवीनतम तकनीक से जहां पैदावार बढ़ी है, वहीं फसल की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। कीटनाशकों पर होने वाले भारी भरकम बजट में 50 प्रतिशत तक कमी आई है। यहीं नहीं, स्मार्ट तकनीक से लाखों लीटर पानी बच रहा है। बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान के तहत खेती में यह नया प्रयोग किया गया है। प्रदीप ने अपने खेतों मे येलो ट्रैप भी लगाए हैं। इससे कीटनाशक के इस्तेमाल के बिना ही फसल खराब होने से बच सकती है। नयी तकनीक से लागत कम हुई है और दाम अच्छे मिल रहे हैं क्योंकि फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
नाबार्ड के साथ आगे बढ़ाई परियोजना
किसान उत्पादक संगठन के निदेशक डॉ एसपी तोमर ने कहा कि किसानों और नाबार्ड के साथ मीटिंग करके प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा, ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से खर्च कम कर सकते हैं और उपज को बेहतर बना सकते हैं। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके हम क्वालिटीयुक्त फसल ले सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि टमाटर क्वालिटीयुक्त हो, कम से कम पेस्टीसाइड का प्रयोग हो, कम पानी का प्रयोग हो। इन सबको ध्यान में रखकर ये प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।