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छोटे किसानों को प्राथमिकता के आधार पर मिलेगी डीएपी खाद

07:15 AM Nov 05, 2024 IST
सोनीपत के लघु सचिवालय में सोमवार को पैक्स संचालकों, इफ्को, कृभको व प्राइवेट डीलरों की बैठक को संबोधित करते डीसी डॉ. मनोज कुमार। -हप्र

सोनीपत, 4 नवंबर (हप्र)
डीपीए खाद वितरण में मिल रही शिकायतों के मद्देजनर प्रशासन सख्त हो गया है। सही ढंग से खाद वितरण करवाने के लिए पांच एकड़ से छोटे किसानों को शत-प्रतिशत खाद उपलब्ध करवायी जाएगी। 10 एकड़ तक के किसानों को जरूरत का 75 प्रतिशत व बड़े किसानों को 50 प्रतिशत खाद उपलब्ध करवायी जाएगी। इससे छोटे किसानों को खाद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और बड़े किसानों की मांग भी धीरे-धीरे बुआई पूरी होने तक पूरी हो जाएगी।
सोमवार को लघु सचिवालय में आयोजित बैठक में डीसी डॉ. मनोज कुमार ने जिले में बुआई सीजन के मद्देनजर डीएपी खाद की आपूर्ति को लेकर सभी प्राइवेट डीलरों, पैक्स संचालकों, कृषि विभाग, इफ्को, कृभको सहित खाद वितरण से जुड़ी सभी एजेंसी संचालकों की बैठक लेकर सख्त लहजे में कहा कि खाद वितरण में कोई अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि छोटे किसान उनकी प्राथमिकता में शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी किसान को डीएपी को लेकर परेशानी नहीं आनी दी जाएगी। बस, बड़े किसानों को खाद का स्टॉक करने से बचना है। उन्होंने कहा कि जिले में गेहूं की बुआई सीजन के लिए 14 हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है और 9400 मीट्रिक टन डीएपी खाद जिला को प्राप्त हो चुकी है। बाकी खाद की आपूर्ति लगातार हो रही है। ऐसे में सभी पैक्स व प्राइवेट डीलर खाद का सही ढंग से वितरण करें।
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों से शिकायतें आ रही हैं कि खाद विक्रेता डीएपी खाद के साथ गेहूं का बीज और कीटनाशक जबरदस्ती बेच रहे हैं। अगर इस तरह की शिकायत आती है तो संबंधित विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि इस तरह से अगर कोई डीलर कीटनाशक या बीज जबरदस्ती देता है तो इसकी शिकायत तुरंत कृषि विभाग के अधिकारियों को करें।

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एसडीएम पैक्स के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के साथ करें बैठक

बैठक में सामने आया कि कुछ पैक्स संचालकों द्वारा समय पर खाद की डिमांड नहीं भेजी गई है। यही वजह है कि 34 में से सिर्फ 14 पैक्स में ही किसानों को वितरण के लिए खाद पहुंची है। ऐसे में उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र के पैक्स के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के साथ बैठक करें और निगरानी रखें।

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