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Sleep day खर्राटों का खतरा: नींद में रुक सकती है सांस, जानिए कैसे बचें

05:27 AM Mar 16, 2025 IST
sleep day खर्राटों का खतरा  नींद में रुक सकती है सांस  जानिए कैसे बचें
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विवेक शर्मा

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चंडीगढ़, 15 मार्च

क्या आपको लगता है कि खर्राटे सिर्फ एक आम समस्या हैं? अगर हां, तो सावधान हो जाइए! यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) का संकेत हो सकता है, जो दुनिया भर में करोड़ों लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन रहा है। पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने इस विकार के खतरों और बचाव के उपायों को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।

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कैसे जानें कि आपकी नींद में हो रहा है अटैक?

OSA में सोते समय सांस बार-बार रुकती और दोबारा शुरू होती है। यह समस्या इतनी गंभीर है कि व्यक्ति को झटके से सांस लेनी पड़ती है, जिससे हृदय, मस्तिष्क और संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। खर्राटे, दिनभर की थकान और सुबह सिरदर्द जैसी समस्याएं इसके संकेत हो सकते हैं।

भारत में तेजी से बढ़ रहा खतरा

दुनियाभर में 100 करोड़ लोग OSA से प्रभावित हैं।

भारत में 11% लोग इस बीमारी की चपेट में हैं, लेकिन अधिकतर मामलों की पहचान ही नहीं हो पाती।

पुरुषों में यह समस्या महिलाओं की तुलना में दोगुनी होती है।

छोटे बच्चों (2-8 वर्ष) में 1-5% तक मामले पाए जाते हैं, लेकिन माता-पिता अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

कौन है ज्यादा खतरे में?

मोटे लोग – गर्दन पर अतिरिक्त चर्बी वायुमार्ग को संकरा कर देती है।

बुजुर्ग – उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे समस्या बढ़ती है।

धूम्रपान और शराब पीने वाले – यह आदतें वायुमार्ग को शिथिल कर देती हैं।

बड़े टॉन्सिल या नाक की हड्डी टेढ़ी होने वाले लोग।

महिलाएं – मेनोपॉज के बाद OSA का खतरा बढ़ जाता है

क्या बच्चे भी हो सकते हैं शिकार?

जी हां! अगर आपका बच्चा ठीक से नहीं सोता, लगातार खर्राटे लेता है, दिनभर चिड़चिड़ा रहता है या पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाता, तो यह स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है। बच्चों में यह एडिनॉइड्स और टॉन्सिल्स की अधिक वृद्धि, मोटापा या जन्मजात विकारों के कारण हो सकता है।

कैसे बच सकते हैं इस जानलेवा बीमारी से?

1. वजन घटाएं और नियमित व्यायाम करें

2. सोने से पहले शराब और नींद की गोलियों से बचे

3. CPAP मशीन का उपयोग करें, जो वायुमार्ग को खुला रखती है।

4. विशेष दंत उपकरण पहनें, जो जबड़े और जीभ की स्थिति को सही कर सांस लेने में मदद करते हैं।

5. गंभीर मामलों में टॉन्सिल निकालने या अन्य सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

डॉक्टरों ने दी चेतावनी

पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने इस समस्या को गंभीरता से लेने की अपील की।आईएमईआर, चंडीगढ़ में ओटोलरिंजोलॉजी (ईएनटी) विभाग में प्रोफेसर Dr. Jaymani Bakshi, प्रो

. डॉ. संदीप बंसल (ओटोलैरिंजोलॉजी और हेड-नेक सर्जरी विभाग, स्लीप लैब प्रभारी), डॉ. मनीष मुंजाल, डॉ. अजय गर्ग और डॉ. प्रीति शर्मा ने बताया कि OSA सिर्फ एक खर्राटे की समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य विकार है, जिससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

खर्राटों को हल्के में मत लीजिए!

डॉ. संदीप बंसल का कहना है, “कई लोग दिनभर की थकान और खर्राटों को सामान्य मानते हैं, लेकिन यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। सही समय पर निदान और इलाज से इस खतरे को टाला जा सकता है।”

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