एसकेएम ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ बजाया बिगुल, आज 3 घंटे करेंगे चक्का जाम
संगरूर, 12 अक्तूबर (निस)
किसान, आढ़ती और शैलर मालिक अपनी मांगों को लेकर एक मंच पर आ गए हैं। कृषि कब्जे से जुड़े तीनों दलों ने पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की घोषणा करते हुए 13 अक्तूबर को दोपहर 12 बजे से सुबह 3 बजे तक तीन घंटे के लिए पंजाब की सभी सड़कों पर यातायात जाम करने का फैसला किया है। इसी तरह 14 अक्तूबर को पंजाब के सभी संगठनों की संयुक्त बैठक बुलाकर अगले आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदेश की दोनों आढ़ती एसोसिएशन, शैलर मालिक और मोर्चा में शामिल किसान संगठनों की संयुक्त बैठक किसान भवन में हुई। करीब ढाई घंटे तक चली बैठक में किसान नेताओं, आरती एसोसिएशनों और शैलर एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने कृषि, किसानों और खेत मजदूरों के मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि अगर भविष्य में एकजुट होकर संघर्ष नहीं किया तो न केवल कृषि संकट तो बढ़ेगा ही, कृषि से जुड़े अन्य व्यवसाय भी ठप रहेंगे। नेताओं ने दिल्ली आंदोलन की तर्ज पर एक और आंदोलन शुरू करने का सुझाव दिया ताकि केदार और पंजाब सरकार पर दबाव बनाया जा सके। सरकार द्वारा एक यूनियन को बैठक के लिए बुलाने और दूसरे को नजरअंदाज करने की चर्चा करते हुए नेताओं ने कहा कि सरकार संयुक्त किसान मोर्चा में फूट डालने की कोशिश कर रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि खेती और पंजाब को बचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि से जुड़े सभी संगठनों को एक मंच पर इकट्ठा कर आंदोलन करने का फैसला किया है। राजेवाल ने कहा कि 13 अक्तूबर को दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे (तीन घंटे) तक यातायात अवरुद्ध किया जाएगा और 14 को कर्मचारी और श्रमिक संगठनों सहित राज्य के सभी संगठनों की एक संयुक्त बैठक कर अगली रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि गोदाम चावल से भरे हुए हैं। प्रदेश की मंडियों में धान की खरीद नहीं हो रही है और जहां मंडियों में खरीद हुई है वहां उठान नहीं हो रहा है।
शैलर एसोसिएशन के नेता तरसेम सैनी ने कहा कि (पीआर 126 बीज) मंडी बोर्ड और खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की मिलीभगत से किसान को लूटा जा
रहा है और खरीदे गए माल के पैसे वापस लेने को तैयार हैं उन्होंने कहा कि पीआर 126 (हाइब्रिड बीज) बिल्कुल नहीं खरीदा जायेगा।
आढ़ती एसोसिएशन के नेता रविंदर सिंह चीमा और विजय कालड़ा ने कहा कि सरकार आढ़ती को खत्म करना चाहती है।