सरस्वती तीर्थ पर गंदगी का आलम
सुभाष पौलत्स्य/निस
पिहोवा, 13 फरवरी
सरस्वती तीर्थ जिसके किनारे सरस्वती महोत्सव मनाया जा रहा है, उसी सरस्वती तीर्थ की भारी दुर्दशा हो रही है। सरस्वती तीर्थ के जल में गंदगी व जूते, लिफाफे तैर रहे हैं। सरस्वती के तल पर चार-चार फुट ऊंची घास व झाड़ियां उगी हुई हैं। जिस कारण सरस्वती तीर्थ का जल अति गंदा हो रहा है। प्रशासन व सरकार का इस तीर्थ की ओर कोई ध्यान ही नहीं है। सरस्वती तीर्थ की गंदगी व दुर्दशा को देखते हुए तीर्थ पर आने वाले श्रद्धालु भी प्रशासन, सरकार व ब्राह्मण समुदाय को कोसते रहते हैं। यह सब देख लोगों का यह भी कहना है कि वर्ष भर में केवल एक बार सरस्वती महोत्सव के दौरान तो प्रशासन को तीर्थ की सुध-बुध लेनी चाहिए। वर्ष 2017 में सरकार ने यहां पर अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव मनाना शुरू किया था परंतु 2 साल बाद ही यहां से अंतर्राष्ट्रीय शब्द गायब हो गया तथा यह सरस्वती महोत्सव चंदे से जुटाए धन से ही मनाया जाने लगा।
इतना ही नहीं इस बार तो केवल समापन समारोह ही मनाया जा रहा है। हवन और दीपक प्रज्वलित करने के लिए तेल भी चंदे के पैसे से इकट्ठा किया गया है।