कांग्रेस में सिटिंग-गैटिंग, सभी 28 विधायकों को टिकट!
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 सितंबर
हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल, कांग्रेस ने इस बार भी ‘सिटिंग-गैटिंग’ का फार्मूला लागू करने का मन बना लिया है। यानी पार्टी के सभी मौजूदा 28 विधायकों को टिकट मिलेगी। नयी दिल्ली में लगातार दो दिन हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सभी मौजूदा विधायकों पर फिर से भरोसा जताने का निर्णय लिया जा चुका है। सोमवार की बैठक में 22 और मंगलवार को बाकी के 6 विधायकों के नाम पर भी हरी झंडी दे दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन विधायकों की टिकट पर कई बार मंथन किया गया, जिनकी ग्राउंड पर रिपोर्ट सही नहीं थी। हालांकि, बाद में यह किया गया कि एक बार फिर से सभी को मौका देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा एक बार फिर गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव लड़ेंगे। यह हुड्डा की परंपरागत सीट है। 2005 से वे लगातार यहां से चुनाव लड़ते आ रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान होडल से चुनाव लड़ेंगे। होडल से वर्तमान में भाजपा के जगदीश नय्यर विधायक हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कालका से मौजूदा विधायक प्रदीप चौधरी, नारायणगढ़ से शैली चौधरी, सढ़ौरा से रेणु बाला, लाडवा से मेवा सिंह, रादौर से बिशन लाल सैनी, इसराना से बलबीर सिंह वाल्मीकि, गोहाना से जगबीर सिंह मलिक, खरखौदा से जयवीर सिंह वाल्मीकि, बरोदा से इंदूराज नरवाल ‘भालू’, रोहतक से भारत भूषण बतरा और कलानौर से शकुंतला खटक का चुनाव लड़ना लगभग तय है। इसी तरह, असंध से शमशेर सिंह गोगी, सफीदों से सुभाष गांगोली, कालांवाली से शीशपाल केहरवाला, डबवाली से अमित सिहाग, झज्जर से पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को टिकट मिलना तय है। भुक्कल झज्जर से जीत की हैट्रिक लगा चुकी हैं। बेरी के मौजूदा विधायक व पूर्व स्पीकर डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान जीत का सिक्सर लगाने के लिए चुनावी मैदान में होंगे।
बहादुरगढ़ से राजेंद्र जून और बादली से कुलदीप वत्स का टिकट कंफर्म माना जा रहा है। चिरंजीव राव रेवाड़ी से चुनावी रण में उतरेंगे। वे अपने पिता व पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव की परंपरागत सीट से पहली बार 2019 में विधायक बने थे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि नूंह के मौजूदा विधायक व पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद, फिरोजपुर-झिरका विधायक मामन खान इंजीनियर और पुन्हाना विधायक मोहम्मद इलियास के टिकट भी केंद्रीय चुनाव समिति फाइनल कर चुकी है।
मुलाना से 2019 में पहली बार विधायक बने वरुण चौधरी अब अंबाला से लोकसभा सांसद हैं। वे मुलाना से अपनी पत्नी या बहन को टिकट देने की वकालत कर रहे हैं। बताते हैं कि यह सीट अभी फंसी हुई है। तोशाम से किरण चौधरी के इस्तीफे और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद यहां से पूर्व विधायक रणबीर सिंह महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी का टिकट लगभग फाइनल हो चुका है।
ईडी में फंसे विधायकों को भी मिल सकता है टिकट
इन नेताओं को भी टिकट देने के आसार
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा को थानेसर से चुनाव लड़वाया जाना तय है। 2019 के चुनावों में अरोड़ा भाजपा के सुभाष सुधा से मामूली अंतर से हार गए थे। पंचकूला सीट पर चंद्रमोहन बिश्नोई, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल के बेटे मनीष बंसल और पंचकूला नगर निगम की पूर्व मेयर उपेंद्र आहलूवालिया के बीच पेंच फंसा है। चंद्रमोहन का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है। फरीदाबाद से लखन सिंगला, पलवल से कर्ण सिंह दलाल, बल्लबगढ़ से शारदा राठौर, महम से पूर्व मंत्री आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी को टिकट मिलने की संभावना है।
सुरजेवाला खुद तय करेंगे
कांग्रेस सब-कमेटी पेंडिंग 24 सीटों पर आज करेगी मंथन
चंडीगढ़, 4 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा में विधानसभा के 24 हलकों पर उम्मीदवारों को लेकर फंसे पेंच को सुलझाने के लिए बृहस्पतिवार को कांग्रेस सब-कमेटी की बैठक होगी। मल्लिका अर्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में लगातार दो दिन हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 66 उम्मीदवारों के नाम को हरी झंडी मिल चुकी है। बाकी की सीटों पर निर्णय लेने के लिए तीन सदस्यीय सब-कमेटी का गठन किया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी में स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन और हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल हैं। कमेटी इन 24 सीटों पर संभावित चेहरों का ब्रीफ नोट तैयार कर चुकी है। बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में कमेटी की बैठक होगी और इसमें इन सभी सीटों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कमेटी द्वारा हरियाणा के चारों वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान, सिरसा सांसद कुमारी सैलजा व राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी बातचीत के लिए बुलाएगी।
लंबित 24 सीटों पर प्रत्याशियों का फैसला करने के लिए यह कमेटी इन नेताओं को अलग-अलग बुला सकती है, जिससे सभी का फीडबैक लिया जा सके। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से ही इन सीटों पर प्रत्याशियों का निर्णय नहीं हो सका है। बृहस्पतिवार को कमेटी की बैठक इसलिए बुलाई है, ताकि पहले कांग्रेस का आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर फैसला हो जाए।
अगर तीनों पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ती है तो ऐसी स्थिति में आप और सपा के हिस्से की सीटों को भी छोड़ना होगा। कांग्रेस की लिस्ट जारी होने में हो रही देरी के पीछे भी गठबंधन की चर्चा शुरू होना बड़ी रुकावट है। पहले दोनों पार्टियों आप व सपा के साथ यह बातचीत सिरे चढ़ेगी कि दोनों पार्टियों को कितनी-कितनी सीटें मिलेंगी। यह बातचीत सिरे चढ़ने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि आप और सपा को कौन-कौन सी सीट मिलेंगी।
केंद्रीय चुनाव समिति ने सोमवार को 49 सीटों पर मंथन किया और 34 प्रत्याशियों के नाम को हरी झंडी दे दी। मंगलवार को बाकी की 41 सीटों पर विचार-विमर्श के बाद 32 और प्रत्याशियों के नाम को हरी झंडी दे दी गई। यानी कांग्रेस नब्बे में से 66 हलकों पर फैसला कर चुकी है। 24 सीटों पर गुटबाजी को लेकर उपजे विवाद को सुलझाने के लिए मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जा चुका है। कमेटी सभी सीटों पर फैसला करके पार्टी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे को अपनी रिपोर्ट देगी।
नहीं होगी सीईसी मीटिंग
मंगलवार को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सब-कमेटी पर ही पूरा मामला छोड़ दिया गया है। अब उलझी हुई सीटों पर प्रत्याशियों का चयन सब-कमेटी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेगी। खड़गे के पास रिपोर्ट पहुंचने के बाद इन सीटों के प्रत्याशी भी घोषित कर दिए जाएंगे। इन सीटों पर चर्चा के लिए अब केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक नहीं होगी।