एसआईटी ने गिरफ्तार आरोपियों को कहा निर्दोष, फरटिया बोले- बदनाम करने की थी साजिश
भिवानी, 31 मार्च (हप्र)
गांव सिंघानी स्थित महिला कॉलेज की छात्रा द्वारा सुसाइड किए जाने के बहुचर्चित मामले ने नया मोड़ लिया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अदालत के समक्ष जेल में बंद आरोपियों पर कोई आरोप सिद्ध नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें डिस्चार्ज करने की बात कही है।
पुलिस जांच दल के बयानों के बाद अतिरिक्त सेशन जज की अदालत ने आरोपियों को व्यक्तिगत बोंड पर रिहा करने के आदेश जारी किये है।
गौरतलब है कि गत वर्ष 24 दिसंबर को सिंघानी कॉलेज की छात्रा द्वारा आत्महत्या करने के मामले को जमकर तूल दिया गया और राजनीति भी खूब हुई।
कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया इस कॉलेज के चेयरमैन हैं। फरटिया द्वारा इस कॉलेज में छात्राओं को न केवल मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है बल्कि उनकी ट्रांसपोर्ट व किताबों का खर्चा भी कॉलेज द्वारा वहन किया जाता है।
छात्रा आत्म हत्या मामले में छात्रा के परिजनों ने शारदा महिला महाविद्यालय के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज हनुमान सिंह सहित कुल चार लोगों को आत्म हत्या के लिए जिम्मेदार बताया था। पुलिस ने इस मामले में हनुमान सिंह व उसके बेटे राहुल को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
क्या था मामला
सिंघानी गांव के महिला महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ने परीक्षाएं समाप्त होने के एक सप्ताह बाद यानी 24 दिसंबर को आत्महत्या की थी।
परिजनों ने सामान्य मौत का बयान देते हुए उसका अंतिम संस्कार करवा दिया था। बाद में परिजनों ने कॉलेज प्रशासन पर फीस के नाम पर छात्रा को परेशान करने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर करने की शिकायत दी थी।
क्या कहते हैं कॉलेज के चेयरमैन एवं विधायक
लोहारू के विधायक राजबीर फरटिया ने कहा कि कुछ दूषित राजनीति करने वाले नेताओं ने उन्हें तथा कॉलेज को बदनाम करने का प्रयास किया। पुलिस जांच ने माहौल खराब करने वालों नेताओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी छात्राओं की शिक्षा के लिए प्रभावशाली कदम उठाए जाएंगे।