पत्र वायरल करने के आरोपी की एसआईटी ने की पहचान
हिसार, 1 नवंबर (हप्र)
महिला पुलिस कर्मचारियों द्वारा आईपीएस अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप वाले पत्र को वायरल करने के मामले में दर्ज एफआईआर में जांच कर रही हिसार पुलिस की एसआईटी को जींद निवासी सुनील कपूर नामक व्यक्ति के खिलाफ सबूत मिले हैं। उस पर इससे पहले भी दो आपराधिक मामले और उसके भाई के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज है।
सुनील कपूर अभी तक जांच में शामिल नहीं हुआ है। जींद के सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआईआर की जांच के लिए हिसार के पुलिस अधीक्षक दीपक सहारण के सुपरविजन में और एएसपी राजेश कुमार मोहन के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है, इसमें इंस्पेक्टर निर्मला, ईश्वर, सब इंस्पेक्टर धर्मबीर, अमित, एएसआई राजाराम भी शामिल है। एसपी दीपक सहारण व एएसपी राजेश कुमार मोहन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी जांच सिर्फ पत्र वायरल करने के मामले में है, पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच जींद जिले की पुलिस कर रही है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के के दौरान गवाहों के बयान दर्ज किए गए और तकनीकी सबूत एकत्रित किए गए। इसमें सामने आया कि जींद महिला थाना प्रभारी मुकेश रानी और पत्र वायरल करने के आरोपी सुनील कपूर का किसी मामले को लेकर काउंटर शिकायत करने का सिलसिला काफी समय से जारी था। इसके पीछे का कारण 6 अक्तूबर, 2023 को दहेज प्रताड़ना की एक एफआईआर को महिला थाना प्रभारी द्वारा रद्द करना और सुनील कपूर द्वारा वापस ओपन करवाना था। जांच के दौरान सामने आया कि सुनील कपूर ने एक व्यक्ति के माध्यम से महिला थाना प्रभारी को देख लेने की धमकी दी और फिर थाना प्रभारी को निलंबित करवाने के लिए आईपीएस अधिकारी के खिलाफ 25 अक्तूबर, 2024 को एक शिकायत ईमेल की गई और फिर जींद ब्रेकिंग न्यूज के पेज पर अपलोड की गई। इस शिकायत को जिस ईमेल आईडी से भेजा गया, उस ईमेल आईडी को एयरटेल वाईफाई के इंटरनेट का प्रयोग करके बनाया गया और वह वाईफाई सुनील कपूर के नाम पंजीकृत है। ईमेल के बाद पहले रानीरानी नामक फेसबुक आईडी से एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए यह शिकायत अपलोड की गई और बाद में जींद ब्रेकिंग न्यूज के पेज पर भी अपलोड की गई। उन्होंने कहा कि जींद ब्रेकिंग न्यूज पेज किसका है, इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि पत्र किस मंशा से भेजा गया है या आरोप कितने वास्तविक हैं, यह सुनील कपूर के जांच में शामिल होकर अपना पक्ष रखने के बाद ही सामने आएगा।