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‘राम भरोसे’ सिरसा का नागरिक अस्पताल

08:19 AM Jul 05, 2024 IST
सिरसा स्थित नागरिक अस्पताल का भवन।  -हप्र
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आनंद भार्गव/हप्र
सिरसा, 4 जुलाई
पंजाब एवं राजस्थान बॉर्डर से सटे जिले के नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 800 से 1000 मरीज आते हैं। यहां अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ट्रॉमा सेंटर है परंतु न्यूरो सर्जन न होने के कारण अधिकतर मरीजों को यहां से रेफर किया जाता है। जिसके चलते कई बार यह ट्राॅमा सेंटर कम और रेफरल अस्पताल ज्यादा लगता है। अस्पताल में 55 मेडिकल ऑफिसर के पद हैं लेकिन इनमें से 13 खाली हैं। जानकारी मिली है कि पिछले एक दशक से यहां चमड़ी रोग विशेषज्ञ नहीं है। पांच साल से रेडियोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन नहीं है। जिस कारण हादसे में घायल लोगों को मरहम पट्टी करके उन्हें हाई सेंटर रेफर कर दिया जाता है। यहां तक की अस्पताल में फिजिशियन भी नहीं है, ऐसे में मरीजों की जांच और उपचार राम भरोसे ही है।
मेडिकल कॉलेज के लिए एक ईंट भी नहीं लगी : 
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावे के चलते डेढ़ साल पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कुरुक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में सिरसा के मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी थी। 22 एकड़ पर बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज में 539 बेड लगाए जाएंगे। एमबीबीएस की 100 सीटें भी होंगी।
जानकारी है कि सिरसा बाईपास पर चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के सामने कृषि विभाग की जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनेगा।
प्रदेश सरकार ने इसका नामकरण सिरसा के संत बाबा सरसाईनाथ के नाम पर कर भी दिया परंतु अभी तक इस मेडिकल कॉलेज के निर्माण की एक ईंट भी नहीं लगी। जिससे यहां के लोगों में सरकार के प्रति रोष है।

बिल्डिंग भी जर्जर हालात में

नागरिक अस्पताल की बिल्डिंग दयनीय हालात में है। वर्ष 1986 में बनाए इस अस्पताल के भवन की मरम्मत करके काम चलाया जा रहा है। ओडिशा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल के प्रयासों से आंखों के इलाज की सुविधा बेहतर है। महिला रोगियों व बच्चों के इलाज की सुविधा भी ठीकठाक है लेकिन बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों से मरीजों के आने से यहां मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। नागरिक अस्पताल में मरीजों में नशा पीड़ितों की गिनती ज्यादा ही है। नशा पीड़ितों के लिए अलग से अस्पताल बनाने की योजना हर बार बनती है लेकिन अस्पताल बनता नहीं है।

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"अस्पताल में स्टॉफ की कमी है। हर महीने स्टॉफ के बारे में मुख्यालय को लिखा जाता है। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, फिजिशयन जैसे चिकित्सकों के पद रिक्त है, जिस कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। हमारा प्रयास है कि जल्द अस्पताल में डॉक्टरों पदों को भरा जाए।"
-डाॅ. महिंद्र कुमार, सिविल सर्जन

 

 

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