For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

दाखिले में झंझटों से राहत की िसंगल िवंडो

10:06 AM Apr 11, 2024 IST
दाखिले में झंझटों से राहत की िसंगल िवंडो
Advertisement

कीर्तिशेखर
कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडर ग्रेजुएट यानी सीयूईटी यूजी की शुरुआत साल 2022 में हुई थी ताकि पूरे देश के केंद्रीय, राज्य, डीम्ड व प्राइवेट विश्वविद्यालयों में एडमिशन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा सके। मेडिकल व इंजीनियरिंग में प्रवेशों की तरह ही यूजीसी अब सीयूईटी यूजी स्कोर्स पर आधारित अंडर ग्रेजुएट प्रवेशों के लिए भी कॉमन काउंसलिंग के आयोजन के बारे में सोच रही है। अगर यह लागू होता है तो एक केंद्रीकृत प्रवेश प्लेटफार्म हो जायेगा, जिससे छात्रों को एक पोर्टल पर ही अपनी पसंद देने का अवसर मिल जायेगा बजाय इसके कि अलग-अलग अनेक विश्वविद्यालयों में अप्लाई किया जाये। सीयूईटी यूजी के लिए 2023 में 14.9 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए थे। इस साल यह प्रवेश परीक्षा 15 से 31 मई तक आयोजित की जायेगी।

सीटों की बर्बादी रुकेगी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ पंजाब, बठिंडा के उप-कुलपति आरपी तिवारी का कहना है, “आमतौर से टॉप-रैंकिंग छात्र, जो अच्छा स्कोर करते हैं, इंस्टिट्यूट में प्रवेश लेकर सीट ब्लॉक कर देते हैं। जब उन्हें अन्य विश्वविद्यालयों में बेहतर विकल्प मिल जाते हैं, तो वे पिछली सीट छोड़ देते हैं। खाली सीटों को भरने के लिए संस्था को काउंसलिंग के कई चक्र आयोजित करने पड़ते हैं। जब नये छात्र थोड़ा देर से ज्वाइन करते हैं तो कॉलेजों को उनकी मदद करने के लिए टीचिंग प्रक्रिया दोहरानी पड़ती है। काउंसलिंग की एकल-खिड़की न केवल सीटों की बर्बादी पर विराम लगायेगी बल्कि सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगी। अगर काउंसलिंग अलग-अलग संस्थाओं द्वारा की जायेगी तो एकल-खिड़की परीक्षा का उद्देश्य ही खत्म हो जाता है।”

Advertisement

छात्रों पर आर्थिक बोझ होगा कम

एकल-खिड़की काउंसलिंग से छात्रों पर बोझ भी कम हो जायेगा। तिवारी के अनुसार, “सीयूईटी यूजी नतीजे घोषित होने के बाद छात्रों को प्रवेश हेतु अनेक संस्थाओं में अप्लाई करना पड़ता है और हर जगह फीस भी जमा करनी होती है। एकल प्लेटफार्म से छात्रों को एक बार ही फीस देनी होगी। वहीं सभी छात्रों के लिए कॉमन मेरिट लिस्ट होगी।” गौरतलब है कि कॉमन काउंसलिंग का विचार दो वर्ष पहले रखा गया था, लेकिन पर्याप्त तैयारी न होने की वजह से इसे लागू न किया जा सका। दरअसल, एनटीए ने शुरू में ख़ुद ही विकेंद्रीकृत काउंसलिंग करने का एक प्रस्ताव रखा था; क्योंकि वह इतने विशाल पैमाने पर परीक्षा आयोजन करने का अनुभव प्राप्त करना चाहता था।

Advertisement

ढेरों विषय व कॉम्बिनेशन बड़ी चुनौती

सीयूईटी यूजी लागू करने के पहले वर्ष में बहुत काम था जिसे सही से करना आवश्यक था। यूजी प्रोग्राम में विषय व कॉम्बिनेशन बहुत अधिक हैं। बहरहाल, तिवारी का मत है कि कॉमन काउंसलिंग के संदर्भ में उच्चस्तर पर वार्ता चल रही है और प्रबल संभावना है कि इसे इसी साल से लागू कर दिया जाये। इसके बावजूद ऐसी व्यवस्था को पूर्णतः लागू करने से पहले कुछ चुनौतियों व चिंताओं को संबोधित करना आवश्यक है। एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (एआईयू) के पूर्व महासचिव फुरकान क़मर का कहना है, “पहले सीयूईटी यूजी सिस्टम को भरोसे व स्टैंडर्ड की दृष्टि से स्थिर करने की ज़रूरत है, तभी उसमें नये फीचर्स शामिल करने के बारे में सोचना चाहिए, वर्ना आप हमेशा परिवर्तन के फेज़ में ही अटके रहेंगे। सभी बातों पर सोचना चाहिए, फीडबैक लेना चाहिए और चुनौतियों की पहचान करनी चाहिए।”

एकल पोर्टल पर ही वरीयता क्रम

एकल-खिड़की काउंसलिंग के विचार को मूर्त रूप देने के लिए यूजीसी ने एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें पांच अलग अलग विश्वविद्यालयों यानी मिज़ोरम यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद, जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, कश्मीर यूनिवर्सिटी और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, के अधिकारी शामिल किये गये हैं। इससे प्रवेश के लिए एकल-खिड़की उपलब्ध होगी और छात्र अपनी पसंद के विकल्प वरीयता क्रम में एकल पोर्टल पर दे सकेंगे बजाय इसके कि अलग-अलग विश्वविद्यालयों में अप्लाई करें।

नजदीकी संस्थानों का विकल्प

अगर कमेटी इस विचार को उचित पाती है तो भी फिलहाल स्पष्ट नहीं कि इसे लागू कब किया जाये। यूजीसी के अधिकारियों ने तो टिप्पणी नहीं की लेकिन इग्नू के प्रो-वाईस चांसलर व यूजीसी के पूर्व सदस्य किरण हज़ारिका का कहना है, “छात्र, विशेषकर सुदूर क्षेत्रों के, शायद तय न कर पाएं या उनके लिए कठिन हो कि कौन सी संस्था या प्रोग्राम उनकी पसंद के अनुरूप है; क्योंकि हज़ारों संस्थाएं अनेक प्रोग्राम व पाठ्यक्रम ऑफर कर रही हैं। आमतौर से छात्र मेट्रो शहरों का चयन करते हैं। एकल-खिड़की प्लेटफार्म छात्रों के लिए लाभकारी हो सकता है कि उन्हें अच्छे विकल्प अपने होमटाउन के पास मिल सकेंगे।”
-इ. रि. सें.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×