शिल्प मेले में कभी दर्शक बनकर आये, इस बार ‘शो-स्टॉपर’ बने गायक इंदर आर्य
पंचकूला, 5 दिसंबर (हप्र)
14वें चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेले में बृहस्पतिवार की शाम उत्तराखंड की वादियों से आए संगीत के नाम रही। सुरों के सरताज इंदर आर्य 10 साल बाद शिल्प मेले में पहुंचे। 2014 में वे यहां बतौर दर्शक आए थे, लेकिन आज वे सभी के स्टार रहे। उन्होंने परफॉर्मेंस दिया और दर्शक उन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में मौजूद रहे।
इंदर ने कहा कि ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं उसी मेले में परफॉर्म करने आया हूं, जहां कभी मैं बतौर दर्शक आया था। अब मैं परफॉर्मेंस दूंगा और लोगों के प्यार को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। चंडीगढ़ के बारे में उन्होंने कहा कि ये शहर बहुत ही प्यार देने वाला है। यहां के लोग संगीत को प्यार करते हैं और उसे समझते हैं। यहां आना और उनके बीच गाना मेरा सौभाग्य है। इंदर ने कलाग्राम में ‘लहंगा...’, ‘बोल हीरा बोल...’, ‘सांवरी-सांवरी...’, ‘हे मधु...’, ‘नॉनस्टॉप...’ आदि गीत गाए, लेकिन उनके ‘गुलाबी शरारा...’ ने धूम मचा दी।
वे पहले होटल लाइन में बतौर शेफ काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरा बचपन पंजाब में ही बीता है। मैंने जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मोहाली और चंडीगढ़ में काफी काम किया है। इसके बाद पंचकूला और अंबाला में काम करने के बाद मैं उत्तराखंड लौट गया। मैंने इन सभी शहरों से काफी कुछ सीखा है, जो मुझे मेरे जीवन में काम आ रहा है। उनके गीत ‘गुलाबी शरारा...’ ने रातों-रात करोड़ों को अपना दीवाना बना दिया है। कैप्टन कूल एमएस धोनी भी उनके गीत पर डांस कर चुके हैं।
इंदर ने कहा कि हमें खुद यकीन नहीं था कि इस गाने पर धोनी जैसे स्टार भी परफॉर्म करेंगे। इसे करोड़ों लोगों ने पसंद किया और अभी तक ये बिना प्रमोशन के 265 मिलियन व्यूज हासिल कर चुका है। खुशी होती है कि उत्तराखंड के संगीत को लोगों का प्यार मिल रहा है। इंदर ने कहा कि ये गाने हमारी संस्कृति और संगीत को दर्शाते हैं। हम अपने कल्चर को पूरी दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं।