पानीपत-जींद रेल शाखा के स्टेशनों पर सन्नाटा; कई ट्रेनें रद्द, यात्री परेशान
सफीदों, 7 मई (निस)
उत्तर रेलवे की जींद-पानीपत रेल शाखा पर यात्रियों से साधारण यात्री रेलगाड़ियों के लिए लंबे समय तक मेल गाड़ी का किराया वसूल करने वाले रेल विभाग ने पिछले दिनों न्यूनतम 30 रुपये के मेल गाड़ी के किराए को वापस लेकर 10 रुपये का सामान्य किराया बहाल किया तो यात्रियों को कुछ राहत मिली। लेकिन अब इस शाखा की दो रेल यात्री गाड़ियां रद्द होने से इस शाखा के रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा छाया है। इससे पहले ही इस रेलशाखा के ज्यादातर रेलवे स्टेशनों पर टिकट सुविधा तक उपलब्ध नहीं है और अब तीन रेल यात्री गाड़ियां रद्द होने से ये स्टेशन वीरान हो गए हैं।
दैनिक रेल यात्री संघ के प्रधान सतवीर पांचाल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रेल विभाग गरीबों के शोषण में लगा है। उन्होंने कहा कि अत्यंत निर्धन वर्ग के हजारों लोग इस रेल शाखा की रेल यात्री गाड़ियों से पानीपत की उद्योग नगरी में दिल्ली तक काम धंधे के लिए आते-जाते थे। कोविडकाल में गाड़ियां बंद होने से रोजगार पहले ही बरबाद हो गया था।
उन्होंने कहा कि उनके संघ का प्रतिनिधिमंडल रेल मंत्री तक मिलकर इस शाखा पर रेल सेवाओं में सुधार की गुहार लगा चुका है लेकिन उसके बावजूद स्थिति यह है की हालत बद से बदतर कर दी गई है। आज रेल विभाग से बताया गया कि रोहतक-पानीपत-जींद रेल शाखा के इस रुट पर तीन रेल यात्री गाड़ियां 11 मई तक रद्द कर दी गई हैं और अभी यह पता नहीं कि कि इन्हें कब बहाल किया जाएगा। रद्द की गई रेल यात्री गाड़ियों में पानीपत से सुबह पौने 6 बजे जींद की तरफ जाने वाली गाड़ी नंबर 04995, जींद से चलकर सांयकाल में पानीपत से रोहतक जाने वाली रेल यात्री गाड़ी नंबर 04996 व रेल यात्री गाड़ी नंबर 04984 शामिल हैं। विभाग से बताया यह गया है कि इन्हें पंजाब में किसान आंदोलन के कारण रद्द किया गया है क्योंकि वहां किसान ट्रैक पर बैठे हैं। बता दें कि रेलवे ने किसान आंदोलन के कारण ही जींद से कुरुक्षेत्र, जींद से पानीपत व जींद से दिल्ली जाने वाली तीन ट्रेनों को भी रद्द किया हुआ है। दिल्ली-जाखल पैसेंजर ट्रेन को केवल जींद तक चलाया जा रहा है। इनका भी सीधा असर सफ़ीदों व आसपास के यात्रियों पर पड़ रहा है।