For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी: Axiom-4 टीम सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटी

03:33 PM Jul 15, 2025 IST
शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी  axiom 4 टीम सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटी
एक्सिओम-4 के चालक दल में भारत के पायलट शुभांशु शुक्ला, हंगरी के मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू, अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिटसन और पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की शामिल हैं। -फाइल फोटो
Advertisement

ट्रिब्यून वेब डेस्क

Advertisement

चंडीगढ़, 15 जुलाई

भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी शुभांशु शुक्ला समेत Axiom-4 मिशन की पूरी टीम मंगलवार को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आई। स्पेसएक्स का ड्रैगन ग्रेस यान दक्षिणी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट पर समुद्र में 22.5 घंटे की यात्रा के बाद स्प्लैशडाउन के जरिए उतरा।

Advertisement

Axiom-4 मिशन के सदस्य—अमेरिकी कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज़ उज़नान्स्की, हंगरी के तिबोर कपु और भारत के शुभांशु शुक्ला ने 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए।

पृथ्वी पर वापसी की प्रक्रिया

सोमवार शाम 4:45 बजे (IST) अंतरिक्ष यान ने ISS से विदा ली। फिर मंगलवार दोपहर दो बजे यान ने पृथ्वी की ओर उतरना शुरू किया, जिसके दौरान तापमान 1600°C तक पहुंच गया। निर्धारित समय पर पैराशूट खुले और 2:57 बजे IST पर सुरक्षित स्प्लैशडाउन हो गया।

SpaceX ने X (ट्विटर) पर लिखा—
"स्प्लैशडाउन कन्फर्म हुआ—@AstroPeggy, Shux, @astro_slawosz और Tibi का पृथ्वी पर स्वागत है!"

स्वास्थ्य परीक्षण और पुनर्वास

चारों अंतरिक्षयात्रियों को पहले रिवकरी शिप "Shannon" पर लाया गया, जहां उनका प्रारंभिक मेडिकल चेकअप हुआ। अब उन्हें हेलीकॉप्टर से तट पर लाया जाएगा। वहां से 7 दिन की विशेष पुनर्वास प्रक्रिया शुरू होगी, ताकि वे माइक्रोग्रैविटी के बाद पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण स्थिति में ढल सकें।

भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण

राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्होंने विदाई समारोह के दौरान कहा कि आज का भारत महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी और गर्व से परिपूर्ण दिखता है। यही वजह है कि मैं आज फिर कह सकता हूं—‘सारे जहां से अच्छा’।

ISRO के लिए रणनीतिक लाभ

ISRO ने इस मिशन के लिए करीब ₹550 करोड़ की धनराशि व्यय की। शुभांशु का अनुभव भारत के गगनयान मानव मिशन (2027) की तैयारी में मददगार होगा।  विदाई के वक्त उन्होंने spacesuit पहनते हुए कहा कि जल्दी ही धरती पे मुलाकात करते हैं।

Advertisement
Advertisement