श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश का गौरव : जयंत चौधरी
पलवल, 19 नवंबर (हप्र)
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश का गौरव है। युवाओं को कौशल के बूते सपने देखना सिखा रहा है। बृज क्षेत्र में यह शिक्षा का ऐसा प्रतिमान है, जो पूरे देश में प्रेरणा बन गया है। इस विश्वविद्यालय ने सिखाया कि शिक्षा पद्धति से सामर्थ्य को विकसित किया जा सकता है।
वह मंगलवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के छठे स्थापना दिवस समारोह में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने उनका भव्य स्वागत किया। कुलपति डॉ. राज नेहरू की उपस्थिति में कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने 8 इंडस्ट्री पार्टनर के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। कॉन्सेंट्रिक्स की ओर से 34 लाख रुपए की स्कॉलरशिप का चैक भी सौंपा गया।
मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा किए गए नवाचार पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
जयंत चौधरी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को कुलपति डॉ. राज नेहरू के जुनून ने खड़ा किया है। युवाओं को शिक्षा के लिए बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा के पूरे ढांचे को बदलना होगा। शॉर्ट टर्म स्किल कोर्स से रोजगार मिल रहे हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विकसित भारत की कल्पना को साकार करने के लिए कौशल सबसे सशक्त माध्यम है। हमने देश को उच्च शिक्षा में कौशल शिक्षा का मॉडल दिया है। आज देश के कई राज्य श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अनुसरण कर रहे हैं। हमने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के जरिए नवाचार का एक इको सिस्टम तैयार किया है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिनेश अग्रवाल, आईजीयू के कुलपति प्रोफेसर जेपी यादव, जीजेयू के कुलपति प्रोफेसर एन आर बिश्नोई, जे सी बॉस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एस के तोमर, चौ. रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर रणपाल सिंह, कांचीपुरम यूनिवर्सिटी के वीसी जी श्री निवासु, आई आई एल एम यूनिवर्सिटी की वीसी प्रोफेसर सुजाता शाही, उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ, उद्योपति गौरव जैन, सीईओ एस के बॉस, डॉ. करण बरार, एचपीएससी के पूर्व सदस्य हरेंद्र सिंह राणा और छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह भी उपस्थित थे।