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श्रीराम व पांडवों ने पूजा था शमी वृक्ष

08:11 AM Oct 23, 2023 IST

रेणु जैन
दशहरे पर शुभकामनाओं के साथ-साथ सोना पत्ती का आदान-प्रदान भी किया जाता है। मान्यता है कि सोने जैसी ये पत्तियां हमारे जीवन में भी समृद्धि, सफलता तथा सौभाग्य लेकर आती हैं। कहा जाता है कि इन पत्तियों का वृक्ष शमी वृक्ष कहलाता है। यह भगवान श्रीराम का प्रिय वृक्ष था। लंका पर आक्रमण से पहले भगवान श्रीराम ने शमी वृक्ष की पूजा की थी तथा उससे विजयी होने का आशीर्वाद प्राप्त किया था। तभी से लोग रावण दहन के बाद घर लौटते समय शमी के पत्ते विजय और सफलता के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे को बांटते हैं।
शमी वृक्ष का उल्लेख महाभारत काल में भी मिलता है। वनवास के समय अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने अपने सारे अस्त्र इसी पेड़ में छुपाए थे। कुरुक्षेत्र में कौरवों के साथ युद्ध के लिए जाने से पहले भी पांडवों ने शमी के वृक्ष की पूजा की थी और अपने लिए शक्ति तथा विजय की कामना की थी। एक अन्य मान्यता के अनुसार कवि कालिदास को भी शमी के वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या करने से ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। तभी से ये माना जाने लगा कि जो भी व्यक्ति इस वृक्ष की पूजा करता है उसे शक्ति और विजय मिलती है।
शमी के वृक्ष की पत्तियां गणेशजी की पूजा में भी उपयोग में लाई जाती हैं। विक्रमादित्य काल के ग्रंथों में भी शमी के पेड़ों का उल्लेख मिलता है। उस काल के कुसुमलता ग्रंथ में तो यहां तक लिखा है कि जिस वर्ष शमी वृक्ष ज्यादा फलता-फूलता है उस साल सूखे की स्थिति बनती है। दशहरे पर शमी वृक्ष की पूजा इसलिए भी की जाती है कि यह वृक्ष आगामी कृषि विपत्ति का पूर्व संकेत देता है।
शमी वृक्ष को तेजस्विता एवं दृढ़ता का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा भी शमी के वृक्ष के पत्तों से करने का शास्त्रों में विधान है। यह भी माना गया है कि शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है इसीलिए शमी के वृक्ष की लकड़ियां का इस्तेमाल यज्ञ की वेदी बनाने में किया जाता है। सभी यज्ञों में शमी वृक्ष का उपयोग शुभ माना गया है।
हमारे देश में बिहार तथा झारखंड में सुबह के समय उठने के बाद शमी के वृक्ष के दर्शन को शुभ माना जाता है। बिहार तथा झारखंड में यह वृक्ष अधिकतर घरों के दरवाजे के बाहर लगा हुआ मिलता है। लोग किसी भी काम पर जाने से पहले इसके दर्शन करते हैं तथा इसे माथे पर लगाते हैं। कहा जाता है कि शमी के वृक्ष को घर के मुख्य दरवाजे के बाईं ओर लगाने से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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