गुरुग्राम में 300 मकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस, अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
गुरुग्राम, 16 जनवरी (हप्र)
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने डीएलएफ फेज-3 में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर 300 मकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन मकान मालिकों को दिया गया है, जिन्होंने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया है। यदि मकान मालिकों द्वारा दिए गए जवाब में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता है, तो उनके मकानों के कब्जा प्रमाण पत्र रद्द कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही, तहसीलदार को इन मकानों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र लिखा जाएगा। अब तक इस फेज में 1438 मकानों को नोटिस जारी किया जा चुका है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।
डीटीपीई अमित मधोलिया ने बताया कि डीएलएफ फेज-1 से लेकर फेज-5 तक सर्वे किया गया है, जिसमें 4200 मकानों में अवैध निर्माण की पहचान की गई है। सभी मकान मालिकों को 31 जनवरी तक कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ मकान मालिक नोटिस को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण नोटिस को उनके मकानों के बाहर चस्पा किया जा रहा है। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। अगली सुनवाई पर डीटीपीई को यह बताना होगा कि क्या इन मकानों में हुए नियमों के उल्लंघन को नियमित किया जा सकता है। इस रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया जाएगा। अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी।
जमीन को कराया गया अतिक्रमण मुक्त
इसके अलावा, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने सर्दर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) पर हरित क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। यहां लगभग 10 एकड़ जमीन पर अवैध नर्सरी, पार्किंग और निर्माण सामग्री की दुकानें बनाई गई थी। पुलिस बल की मौजूदगी में चार बुलडोजरों की मदद से इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया गया।
जीएमडीए के डीटीपी आरएस बाठ के नेतृत्व में यह तोड़फोड़ की गई। लगभग 50 पुलिस कर्मी मौके पर मौजूद रहे। चार एकड़ जमीन पर अवैध नर्सरी स्थापित की गई थी, जबकि तीन एकड़ जमीन पर सात पक्के कमरे, 15 कच्चे कमरे और 50 झुग्गियां थीं। इन सभी को बुलडोजर से मलबे में तबदील कर दिया गया। आरएस बाठ ने बताया कि एसपीआर पर 160 एकड़ में हरित क्षेत्र है, जिसमें से 60 एकड़ पर कब्जा था। 35 प्रतिशत कब्जे को हटा दिया गया है और 31 जनवरी तक हरित क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया जाएगा।