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डीएपी खाद की कमी धान रोपाई को दे सकती है झटका!

10:03 AM Jun 18, 2025 IST
डीएपी खाद की कमी धान रोपाई को दे सकती है झटका
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सोनीपत, 17 जून (हप्र)
खरीफ सीजन की शुरूआत हो चुकी है लेकिन किसानों को सीजन के शुरूआत में ही डीएपी खाद की किल्लत झेलनी पड़ रही है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 15 जून तक जिले में करीब 6500 मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी खाद की डिमांड थी मगर सिर्फ 2400 एमटी डीएपी खाद ही पहुंच पाया है। वहीं अब धान की रोपाई की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में अगर जल्द डीएपी खाद का रैक नही लगा तो किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि डीएपी खाद जिसे डायमोनियम फॉस्फेट भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण उर्वरक है जो फसलों के विकास और उपज को बढ़ाने में मदद करता है। डीएपी में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 46 प्रतिशत फास्फोरस होता है। डीएपी मिट्टी में घुलकर पौधों की जड़ों के विकास में मदद करता है, जिससे वे अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर पाते हैं। खरीफ सीजन में धान सहित कई फसलों में किसान डीएपी खाद का इस्तेमाल करते हैं।

जून में धान रोपाई में डीएपी की होती है अधिक मांग

सोनीपत जिले में अप्रैल, मई और जून माह में डीएपी खाद की करीब 8 हजार एमटी डिमांड होती है। जून माह में धान की रोपाई प्रक्रिया शुरू होने पर डिमांड तेजी से बढ़ती है। परंतु इस बार खरीफ सीजन की शुरूआत से ही बार-बार खाद के रैक मिस होने की वजह से पर्याप्त खाद जिले में नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि विभाग की तरफ से डीएपी के विकल्प के तौर पर एनपीके खाद का इस्तेमाल करने की सलाह किसानों को दी गई है।

जिले में 85 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई का लक्ष्य

सोनीपत जिले में खरीफ सीजन के दौरान 85 हजार हेक्टेयर भूमि में धान के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कृषि विभाग ने 15 हजार एकड़ भूमि में धान की सीधी बिजाई करवाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है। धान के अतिरिक्त किसानों ने कपास, ज्वार, गन्ना आदि फसलें भी उगाई है। 15 जून के बाद धान की रोपाई प्रक्रिया भी तेज हो गई है। ऐसे में जून माह में किसानों को डीएपी खाद की अधिक जरूरत पड़ेगी।
डीएपी खाद को लेकर डिमांड मुख्यालय भेजी गई है। जल्द ही डीएपी खाद का रैक सोनीपत लगने वाला है। खाद की मौजूदा परिस्थितियों पर विभाग नजर बनाए हुए है। डीएपी के विकल्प के रूप में एनपीके खाद भी उपलब्ध है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। 
-डॉ. पवन शर्मा, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत
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