पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी निशानेबाज अवनि लेखरा
टोक्यो, 30 अगस्त (एजेंसी)भारत की अवनि लेखरा ने सोमवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा।
जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी। उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है। अवनि से से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष ऊंची कूद, 2016) ने स्वर्ण पदक जीते थे। अवनि ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।” यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है। अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपना योगदान दिया। उम्मीद है कि आगे हम और पदक जीतेंगे।’ इस बीच पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में भारत के महावीर स्वरूप उनहालकर चौथे स्थान पर रहे। उनहालकर ने कुल 203.9 अंक बनाये। कोल्हापुर का यह 34 वर्षीय निशानेबाज एक समय आगे चल रहा था लेकिन छठी सीरीज में 9.9 और 9.5 अंक बनाने से वह पदक की दौड़ से बाहर हो गये। भारत के एक अन्य निशानेबाज दीपक क्वालीफाईंग दौर में ही बाहर हो गये। उन्होंने 592.6 अंक के साथ 20वां स्थान हासिल किया था। उनहालकर 615.2 अंक के साथ सातवें स्थान पर रहकर आठ खिलाड़ियों के फाइनल्स में पहुंचे थे। अवनि ने असाका शूटिंग रेंज पर फाइनल में चीन की रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की विश्व में नंबर एक और मौजूदा विश्व चैंपियन इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता। अवनि ने कहा, ‘‘मैं स्वयं से यही कह रही थी कि मुझे एक बार केवल एक शॉट पर ध्यान देना है। अभी बाकी कुछ मायने नहीं रखता। केवल एक शॉट पर ध्यान दो।’ उन्होंने कहा, ‘मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही थी। मैं स्कोर या पदक के बारे में नहीं सोच रही थी।” अवनि ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना पहला पदक जीता। वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रही थी। पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रही विश्व में पांचवीं रैंकिंग की अवनि ने क्वालीफिकेशन और फाइनल्स दोनों में लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाये। वह विश्व रिकार्ड तोड़ने के करीब थी लेकिन आखिर में 9.9 के दो स्कोर से ऐसा नहीं कर पायी। अवनि ने इससे पहले क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था। राजस्थान में सहायक वन संरक्षक के पद पर कार्यरत अवनि को भारत सरकार ने 2017 में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल किया था। इससे उन्होंने 12 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लिया।
Phenomenal performance @AvaniLekhara! Congratulations on winning a hard-earned and well-deserved Gold, made possible due to your industrious nature and passion towards shooting. This is truly a special moment for Indian sports. Best wishes for your future endeavours.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2021