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Sholay Unseen Scenes : शोले का नया क्लाइमेक्स... निर्देशक रमेश सिप्पी बोले - नए वर्जन में दिखाए जाएंगे अनदेखे सीन्स

01:18 PM Jun 25, 2025 IST
sholay unseen scenes   शोले का नया क्लाइमेक्स    निर्देशक रमेश सिप्पी बोले   नए वर्जन में दिखाए जाएंगे अनदेखे सीन्स
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मुंबई, 25 जून (भाषा)

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Sholay Unseen Scenes : हिंदी सिनेमा की हिट फिल्म ‘शोले' के निर्देशक रमेश सिप्पी के भतीजे शहजाद सिप्पी ने कहा कि उन्होंने फिल्म के नए संस्करण में छह मिनट के दृश्य और जोड़े हैं जिसमें फिल्म का असली अंत भी शामिल है जब गब्बर सिंह की मौत हो जाती है।

वर्ष 1975 में आयी इस फिल्म के मूल संस्करण में अंत में संजीव कुमार का निभाया ठाकुर का किरदार गब्बर की हत्या करके अपना बदला ले लेता है, लेकिन आपातकाल के दौरान सेंसर बोर्ड ने इस दृश्य में बदलाव कर दिए थे। तब रिलीज हुई फिल्म में ठाकुर घायल गब्बर को छोड़ देता है और पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है।

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शहजाद ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था। उस समय सेंसर बोर्ड ने तीन-चार दृश्यों को मंजूरी नहीं दी थी जिसमें गब्बर सिंह की मौत वाला अंत भी शामिल है।'' उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म में ठाकुर तब एक आम नागरिक था और पुलिस अधिकारी के तौर पर सेवानिवृत्त हो चुका था तो उस वक्त सरकार नहीं चाहती थी कि कोई आम नागरिक कानून अपने हाथ में ले।''

अब 50 साल बाद मूल दृश्य और फिल्म से हटाए गए अन्य अनदेखे दृश्य नए संस्करण में शामिल किए गए हैं, जिसे इटली के बोलोग्ना में सिनेमा रिट्रोवेटो फेस्टीवल में दिखाया जाएगा। फिल्म के नए संस्करण पर काम करने वाले शहजाद ने कहा कि नया संस्करण 15 अगस्त 1975 में सिनेमाघरों में रिलीज फिल्म से छह मिनट ज्यादा लंबा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार कुछ अतिरिक्त दृश्य होंगे। हम इसे गुप्त रखना चाहते हैं... हमने मूल दृश्यों के साथ यथासंभव सर्वश्रेष्ठ काम करने की कोशिश की है और कुछ भी नहीं काटा है।'' ‘‘शोले'' के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इसकी स्क्रीनिंग 27 जून को खुले आसमान के नीचे पियाजा मैगीगोर में होगी। फिल्म में अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और जया बच्चन ने अभिनय किया था।

जय, वीरू, बसंती और ठाकुर जैसे लोकप्रिय पात्रों के साथ-साथ हिंदी सिनेमा के प्रतिष्ठित खलनायकों में से एक गब्बर सिंह और भरपूर संवादों और एक्शन दृश्यों के कारण यह फिल्म भारतीय फिल्म संस्कृति का अभिन्न अंग मानी जाती है। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और सिप्पी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने तीन साल तक इसके नए संस्करण पर काम किया है। शहजाद सिप्पी ने कहा कि इस नए संस्करण को सिनेमाघरों में रिलीज करने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

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