All-party meeting: शेख हसीना सदमे में, सरकार उनसे बात करने से पहले उन्हें समय दे रही
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा/एएनआई)
All-party meeting विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक में नेताओं को सूचित किया कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
#WATCH | Delhi: All-party meeting underway in the Parliament on the issue of Bangladesh. EAM Dr S Jaishankar briefs the members of different political parties. pic.twitter.com/4Cl1rFRkyG
— ANI (@ANI) August 6, 2024
सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में जयशंकर ने कहा कि हसीना को भारत आए चौबीस घंटे भी नहीं बीते हैं और वह सदमे में हैं। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने कहा कि सरकार हसीना को सदमे से उबरने के लिए समय दे रही है और इसके बाद वह उनकी भविष्य की योजनाओं सहित अन्य मुद्दों पर उनसे बात करेगी।
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। वाईएसआर कांग्रेस नेता वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी देश हित में सरकार के साथ है।
Briefed an All-Party meeting in Parliament today about the ongoing developments in Bangladesh.
Appreciate the unanimous support and understanding that was extended. pic.twitter.com/tiitk5M5zn
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 6, 2024
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंचीं।
बताया जा रहा है कि उनकी लंदन जाने की योजना है। सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन में राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी देश में मौजूद 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है।
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं के सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने बांग्लादेश में अराजकता में विदेशी सरकारों की भूमिका से इनकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हालात बहुत संवेदनशील हैं और सरकार पड़ोसी देश के घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रही है।
सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में राहुल ने पूछा कि क्या बांग्लादेश में अराजकता को बढ़ावा देने में विदेशी सरकारों का हाथ हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री बांग्लादेश के मुद्दे पर राज्यसभा और लोकसभा में बयान दे सकते हैं। बैठक के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, “आज संसद में एक सर्वदलीय बैठक में बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जताए गए सर्वसम्मत समर्थन और तालमेल के लिए सभी दलों की सराहना करता हूं।”
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “जहां तक राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हित का सवाल है, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सरकार के साथ है।” हालांकि, कार्ति बैठक में मौजूद नहीं थे।
सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, जनता दल (यूनाइटेड) नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘लल्लन', केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के टी आर बालू, समाजवादी पार्टी (सपा) के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सुदीप बंदोपाध्याय और राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।
बैठक से पहले, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा था कि भारत में सत्ता में बैठे लोगों को बांग्लादेश के घटनाक्रम से सबक लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, “जब लोकतंत्र पर खतरा मंडराता है और सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र का मुखौटा पहनकर तानाशाह बन जाते हैं, तो देश की जनता कुछ समय तक ही उन्हें बर्दाश्त करती है और फिर अराजकता फैल जाती है।” मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पी संतोष कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में स्थिति बहुत संवेदनशील है।
उन्होंने कहा, “हम बांग्लादेश के लोगों के साथ हैं, जमात-ए-इस्लामी, सेना या शेख हसीना के साथ नहीं। हम बांग्लादेश के छात्रों के साथ हैं। सभी निरंकुश शासकों का यही अंजाम होता है।” सपा नेता वीरेंद्र सिंह ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति उन सभी देशों के लिए एक संदेश है, जो लोगों की आवाज नहीं सुनते हैं।
उन्होंने कहा, “जिन देशों में लोकतंत्र को खत्म करने और तानाशाही लाने की कोशिशें होती हैं, वहां ऐसे ही हालात पनपते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।” भाजपा के राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा, “वे जरूरी कदम उठा रहे होंगे। हमारा देश इस मुद्दे से निपटने में सक्षम है।”